मुंबई, तीन सितंबर (भाषा) मुंबई की एक विशेष अदालत ने ‘यस बैंक’ में कथित घोटाले से संबंधित एक मामले में आरोपी कपिल वधावन को महाराष्ट्र के नासिक जिले की जेल में स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी है।
कुछ समाचार चैनल द्वारा अपनी खबरों में वधावन के अस्पताल में इलाज कराने के दौरान ‘कदाचार’ का उल्लेख किए जाने के बाद यह अनुमति दी गई है।
दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रवर्तकों में से एक वधावन धोखाधड़ी के कई मामलों में आरोपी हैं जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है। वह नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद थे।
धन शोधन निवारण अधिनियम और सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने शुक्रवार को आदेश पारित कर अधिकारियों को वधावन को स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी।
सूत्रों ने बताया कि उन्हें तुरंत नासिक स्थानांतरित कर दिया गया।
हाल में, कुछ समाचार चैनलों ने अपनी खबरों में बताया था कि जब भी वधावन बंधु (कपिल और सह-आरोपी धीरज) को सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, इस दौरान वे अपने रिश्तेदारों से मिले तथा मोबाइल फोन और लैपटॉप का इस्तेमाल किया।
इसके बाद जेल के अधिकारियों ने विशेष अदालत के समक्ष एक अर्जी दायर कर कपिल वधावन को दूसरी जेल में स्थानांतरित करने की मांग की।
अर्जी में कहा गया कि कपिल वधावन को विभिन्न चिकित्सा समस्याओं के लिए सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया था, लेकिन वहां उन्होंने वास्तव में इलाज नहीं कराया या जांच भी नहीं कराई।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह एक स्थापित मानदंड है कि किसी अदालत को मीडिया की खबरों और मीडिया ट्रायल से प्रभावित नहीं होना चाहिए, लेकिन अगर गंभीर अपराधों में शामिल आरोपी के आचरण के संबंध में कुछ वास्तविक तस्वीर जेल के उच्च अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट की जाती है और जांच करने पर रिपोर्ट सही पाई जाती है तो निश्चित रूप से अदालत इसे नजअंदाज नहीं कर सकती है।’’
वधावन ने अदालत में अपनी अर्जियों में किसी गंभीर बीमारी की सूचना नहीं दी, लेकिन जेल अधीक्षक (तलोजा जेल) ने उन्हें जून और अगस्त 2023 के बीच 15 बार अस्पतालों में भेजा। आदेश में कहा गया है कि उन्हें नासिक रोड जेल में स्थानांतरित करने की अनुमति दी गई है।
भाषा खारी शोभना आशीष
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