साइबर धोखाधड़ी के मामलों पर तत्परता से कार्रवाई की जाएगी : पुलिस ने अदालत को दिया आश्वासन |

साइबर धोखाधड़ी के मामलों पर तत्परता से कार्रवाई की जाएगी : पुलिस ने अदालत को दिया आश्वासन

साइबर धोखाधड़ी के मामलों पर तत्परता से कार्रवाई की जाएगी : पुलिस ने अदालत को दिया आश्वासन

Edited By :  
Modified Date: April 20, 2025 / 04:48 PM IST
,
Published Date: April 20, 2025 4:48 pm IST

मुंबई, 20 अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय को शहर की पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वह साइबर धोखाधड़ी की शिकायतों पर तत्परता से कार्रवाई करेगी और सभी पुलिस अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने एवं प्राथमिकी दर्ज करने के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने 15 अप्रैल को पारित आदेश में कहा कि साइबर धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं और वरिष्ठ नागरिक तेजी से ऐसी ठगी के शिकार बन रहे हैं।

अदालत शहर की एक महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें उसने दावा किया था कि वह साइबर धोखाधड़ी की शिकार हुई है और जब उसने स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना देने की कोशिश की तो उसने तुरंत कार्रवाई नहीं की।

याचिका के अनुसार, महिला ने संबंधित थाने से संपर्क किया और सुरक्षा कर्मियों को साइबर धोखाधड़ी के बारे में सूचित किया, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए प्राथमिकी दर्ज नहीं की कि उनके पास साइबर ठगी के मामलों से निपटने के लिए उपयुक्त कर्मी या विशेषज्ञता नहीं है।

महिला ने अपनी याचिका में कहा है कि प्राथमिकी दर्ज न होने और तुरंत कार्रवाई न होने के कारण उसे 45 लाख रुपये गंवाने पड़े। याचिका में दावा किया गया है कि जब तक पुलिस ने कार्रवाई की, बैंक खाते में सिर्फ दो लाख रुपये ही बच पाए।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध विभाग) लखमी गौतम 15 अप्रैल को उच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए और बताया कि वर्तमान में वह शहर के पांच साइबर थानों की निगरानी कर रहे हैं।

गौतम ने कहा कि 10 लाख रुपये से कम की साइबर धोखाधड़ी की जांच स्थानीय थानों द्वारा की जाती है, जबकि इससे अधिक की राशि की जांच साइबर थाने करते हैं।

उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि वे साइबर धोखाधड़ी से निपटने के लिए पुलिस को संवेदनशील बनाने के वास्ते कदम उठाएंगे, ताकि ऐसे मामले सामने आने पर मामला तुरंत दर्ज किया जा सके।

गौतम ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे कि हस्तांतरित धनराशि जल्द से जल्द वापस हासिल किया जाए।

याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि साइबर धोखाधड़ी के मुद्दों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने महाराष्ट्र साइबर सुरक्षा निगम नामक एक निगम का गठन किया है।

अदालत ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (महाराष्ट्र साइबर) को भी निर्देश दिया कि वह 22 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत के समक्ष पेश होकर महाराष्ट्र साइबर सुरक्षा निगम के गठन के बारे में पीठ को जानकारी दें।

भाषा नोमान सुभाष

सुभाष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)