मुंबई, एक सितंबर (भाषा) मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में चार दिन से अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सोमवार से पानी पीना बंद कर दिया और डॉक्टरों ने उनके सेहत की जांच की।
मराठा समुदाय के सैकड़ों सदस्य आरक्षण की मांग को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और दक्षिण मुंबई के अन्य हिस्सों में जमा हो गए, जिससे यातायात बाधित हुआ और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस ने सीएसएमटी क्षेत्र की ओर जाने वाले यातायात को अन्य मार्गों पर मोड़ दिया, जबकि बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) उपक्रम ने सीएसएमटी की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर बसों को निलंबित कर दिया, या उनका मार्ग बदल दिया।
गतिरोध जारी रहने के बीच, महाराष्ट्र के मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि सरकार मराठा आरक्षण मुद्दे पर ऐसा समाधान निकालने पर काम कर रही है जो अदालत में टिक सके।
जरांगे के समर्थकों ने दावा किया कि आरक्षण कार्यकर्ता ने सोमवार को पानी पीना बंद कर दिया। जरांगे ने कहा था कि जब तक सरकार मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण नहीं देती, वह पीछे नहीं हटेंगे।
सरकारी जेजे अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम आज़ाद मैदान पहुंची और जरांगे का रक्तचाप और रक्त में शर्करा के स्तर की जांच की।
पास स्थित सीएसएमटी पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी नाचते और आरक्षण की मांग के समर्थन में नारे लगाते देखे गए, जिससे रेलवे स्टेशन पर भीड़ बढ़ गई।
कई प्रदर्शनकारी महापालिका मार्ग, जे. जे. मार्ग और डी. एन. रोड की ओर जाने वाली सड़कों पर भी जमा हो गए, जिससे कुछ समय के लिए यातायात ठप हो गया।
आज़ाद मैदान क्षेत्र में भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया था, लेकिन प्रदर्शनकारी सुरक्षा कर्मियों के निर्देशों का पालन करते नहीं दिखे।
कुछ प्रदर्शनकारी समूह ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ की इमारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इमारत के बाहर ‘एक मराठा, लाख मराठा’ और ‘आरक्षण आमचा हक्काचं’ (आरक्षण हमारा हक) जैसे नारे लगाए।
कई प्रदर्शनकारियों ने सुबह सीएसएमटी परिसर और उसके पास स्थित बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया।
सुबह के वक्त रेल गाड़ियों से दफ्तर जाने वाले लोगों को प्लेटफॉर्म पर अधिक भीड़ होने से खासी परेशानी का सामना कर पड़ा।
कुछ प्रदर्शनकारियों ने सीएसएमटी, बीएमसी और मेट्रो थिएटर के बाहर की सड़कों पर वाहनों को रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें तितर-बितर कर दिया।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सीएसएमटी की ओर जाने वाले यातायात को अन्य मार्गों पर मोड़ दिया।
बेस्ट के एक अधिकारी ने कहा कि मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण मुंबई यातायात पुलिस ने सुबह 9.30 बजे से भारी वाहनों के लिए जे. जे. ब्रिज को बंद कर दिया।
वाहन चालकों के मुताबिक, ईस्टर्न फ्रीवे और दक्षिण मुंबई की ओर जाने वाली अन्य सड़कों पर यातायात धीमी गति से चल रहा था, लेकिन गत सप्ताह की तरह पूरी तरह से ठप नहीं था।
पुलिस ने आज़ाद मैदान के आसपास अतिरिक्त बल तैनात किया है और आंदोलन को देखते हुए दक्षिण मुंबई की ओर जाने वाली कई सड़कों को बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया है।
मराठा आरक्षण मुद्दे पर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति के प्रमुख विखे पाटिल ने रविवार रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर स्थिति पर चर्चा की।
मंत्री ने सोमवार को पत्रकारों से कहा, ‘हम इस मुद्दे का समाधान निकालने पर काम कर रहे हैं। मैं मानता हूं कि इसमें समय लग रहा है, लेकिन समाधान ऐसा होना चाहिए जो अदालत में टिक सके।’
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मुंबईवासियों की दिनचर्या प्रभावित न हो, क्योंकि इससे आंदोलन की छवि खराब हो सकती है।
फडणवीस दो उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजित पवार से मिलकर गतिरोध समाप्त करने की योजना पर चर्चा कर सकते हैं।
जरांगे ने मांग की है कि सरकार उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर आरक्षण को लेकर एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी करे।
सरकार ने रविवार को कहा था कि वह मराठा समुदाय को ओबीसी जाति ‘कुंबी’ का दर्जा देने के लिए हैदराबाद गजेटियर लागू करने पर कानूनी राय लेगी।
भाषा नोमान अविनाश
अविनाश