अमरावती, 31 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के अमरावती जिले की पुलिस ने लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए पैसे देने की पेशकश करके धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में आठ लोगों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में केरल निवासी एक पादरी और चार महिलाएं शामिल हैं।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने “मलयाली ईसाई पादरी, उनके परिवार और सहयोगियों” की गिरफ्तारी को “अत्यंत चिंताजनक” करार दिया और “ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने के लिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के चिंताजनक चलन” के लिए संघ परिवार की आलोचना की।
अमरावती से 80 किलोमीटर दूर वरुड के निवासी लक्ष्मण शेडे ने मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत के अनुसार पांच-छह लोग 30 दिसंबर को स्थानीय निवासी रीतेश बोंडरे के घर आए और उनके घर के सामने एक पंडाल लगा दिया।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सफेद कपड़े पहने एक व्यक्ति गांव के लोगों को ईसाई धर्म के बारे में उपदेश देने लगा और धर्मांतरण के लिए पैसे का लालच दिया।
शिकायत के आधार पर बेनोडा थाने के प्रभारी घटनास्थल पर पहुंचे और आठ आरोपियों को पूछताछ के लिए थाने ले गए।
पुलिस ने कहा कि आठ आरोपियों की पहचान बोंडरे, आनंदकुमार कर्री, सुधीर विलियम, विक्रम सांडे और चार महिलाओं के रूप में हुई है।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि केरल का निवासी विलियम एक पादरी है।
बुधवार को पुलिस ने आठ आरोपियों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार करके स्थानीय अदालत में पेश किया, जिसने उन्हें जमानत दे दी।
आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने समेत भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “नागपुर में जबरन धर्मांतरण के आरोप में एक मलयाली ईसाई पादरी, उनके परिवार और सहयोगियों की गिरफ्तारी बेहद चिंताजनक है। यह घटना ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने के लिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के संघ परिवार के चिंताजनक चलन को उजागर करती है। इससे पहले जबलपुर में भी ऐसा हुआ था। ऐसे कृत्य संवैधानिक स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाते हैं।”
भाषा जोहेब संतोष
संतोष