मुंबई, तीन नवंबर (भाषा) शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बाढ़ और बारिश प्रभावित किसानों की कर्जमाफी पर अगले साल 30 जून तक फैसला करने की घोषणा कर उनका मखौल उड़ा रही है।
ठाकरे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत राज्य की ‘महायुति’ सरकार को तत्काल कृषि ऋण माफ करना चाहिए, ताकि भारी फसल नुकसान से प्रभावित लोगों को अपना जीवन फिर से शुरू करने में मदद मिल सके। उन्होंने पांच नवंबर से चार दिनों के लिए मराठवाड़ा का दौरा करने की घोषणा की।
मराठवाड़ा में सितंबर के अंतिम सप्ताह में भारी बारिश हुई, जिससे कई हजार हेक्टेयर में लगी फसलें नष्ट हो गईं।
ठाकरे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सवाल किया, ‘‘किसान कर्जमाफी की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि यह अगले साल जून में किया जाएगा। क्या किसानों को तब तक किस्तें चुकानी चाहिए या नहीं? वह (मुख्यमंत्री) दावा करते हैं कि अगर अभी कर्जमाफी की जाती है तो इससे बैंकों को फायदा होगा। जून में उन्हें इसका फायदा कैसे नहीं होगा।’’
फडणवीस ने 30 अक्टूबर को पूर्व विधायक और प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू के साथ बैठक के बाद कृषि ऋणमाफी से संबंधित घोषणा की थी।
सत्तारूढ़ महायुति ने विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार के दौरान किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था। इस बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके प्रमुख आर्थिक सलाहकार प्रवीण परदेशी के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय समिति इस बारे में अप्रैल 2026 के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी कि ऋणमाफी कैसे लागू की जाए और इसके बाद 30 जून 2026 तक इस पर निर्णय लिया जाएगा।
ठाकरे ने दावा किया कि नुकसान का आकलन करने आया केंद्रीय निरीक्षण दल का मराठवाड़ा दौरा बहुत छोटा था। उन्होंने कहा कि केवल दो या तीन दिनों में पूरी तरह से नुकसान का आकलन करना असंभव है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री से केंद्रीय सहायता के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा था, लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई प्रस्ताव भेजा गया है। यह मजाक है कि पालघर के किसानों को फसल बीमा मुआवजे के रूप में केवल दो रुपये और कुछ पैसे मिले हैं। राज्य सरकार को तत्काल ऋणमाफी की घोषणा करनी चाहिए और प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की सहायता प्रदान करनी चाहिए।’’
ठाकरे ने कहा कि उनकी ‘महा विकास आघाडी’ (एमवीए) ने बिना कोई शर्त रखे दो लाख रुपये तक के फसल ऋण माफ कर दिए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘व्यवस्था और आंकड़े एक जैसे हैं। यह सरकार दूसरे चरण की ऋण माफी की घोषणा क्यों नहीं कर रही है? हमने किसानों के साथ ईमानदारी से व्यवहार किया। इस सरकार को भी ऐसा ही करना चाहिए।’’
ठाकरे ने कहा कि मराठवाड़ा में बाढ़ प्रभावित किसानों के साथ उनकी ‘संवाद सभा’ यह पड़ताल करेगी कि उन्हें (किसानों को) सरकार द्वारा घोषित पैकेज मिला है या नहीं।
भाषा धीरज सुरेश
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