आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए मुंबई में चैतन्यभूमि पर हजारों लोग जुटे

आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए मुंबई में चैतन्यभूमि पर हजारों लोग जुटे

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  • Publish Date - December 6, 2025 / 04:33 PM IST,
    Updated On - December 6, 2025 / 04:33 PM IST

(फोटो के साथ)

मुंबई, छह दिसंबर (भाषा) समाज सुधारक डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए शनिवार को हजारों लोग मुंबई के दादर इलाके में स्थित उनके स्मारक पर एकत्र हुए।

आंबेडकर की पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

हर साल छह दिसंबर को चैतन्यभूमि पर आयोजित होने वाले सरकारी कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल होते हैं। आंबेडकर का 1956 में आज ही के दिन निधन हो गया था।

आंबेडकर के समर्थकों की भारी भीड़ को देखते हुए, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने शिवाजी पार्क में जरूरी इंतजाम किए थे।

इस मौके पर महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना (उबाठा) के नेता उद्धव ठाकरे समेत कई नेताओं ने शिवाजी पार्क में स्थित ‘चैतन्यभूमि’ पर आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

राज्यपाल ने कहा कि आंबेडकर ने देश को ऐसा संविधान दिया, जिसने सभी लोगों को समान अधिकार सुनिश्चित किए।

डॉ. आंबेडकर के 69वें महापरिनिर्वाण दिवस पर ‘चैत्यभूमि’ में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में देवव्रत ने कहा कि महान व्यक्ति सामाजिक न्याय के आंदोलनों को मजबूत करते हैं और अपने विचारों एवं कार्यों के जरिये हमेशा जीवित रहते हैं।

उन्होंने कहा, “विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, बाबासाहेब का मानना था कि शिक्षा परिवार, समाज और देश का भविष्य बदलने का सबसे शक्तिशाली हथियार है। संविधान ने विभिन्न समुदायों के लोगों को एकजुट किया और सभी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित किए।”

वहीं, फडणवीस ने कहा कि आंबेडकर ने राष्ट्र की प्रगति की नींव रखी और उनकी दूरदर्शी सोच के कारण भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचने वाला है।

फडणवीस ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा में आंबेडकर की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रीय पावर ग्रिड अवधारणा अपनाने से देश ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सका।

उन्होंने कहा, “संविधान ने मजबूत लोकतांत्रिक आधार सुनिश्चित किया और आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की।”

फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ‘चैत्यभूमि’ स्मारक पर विकास कार्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भाषा जोहेब पारुल

पारुल