मुंबई, पांच सितंबर (भाषा) पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश से महाराष्ट्र के 29 जिलों में 14.44 लाख हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। राज्य के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने कहा कि सबसे अधिक नुकसान 15 से 20 अगस्त के बीच मानसून के पूरी तरह सक्रिय के दौरान हुआ।
भारी बारिश से 191 तालुका प्रभावित हुए, जिससे 654 राजस्व क्षेत्रों में खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा और इसके साथ ही 12 जिलों में 10 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर फसलों को क्षति पहुंची।
अधिकारियों ने कहा कि सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में नांदेड़ हैं, जहां 6.20 लाख हेक्टेयर भूमि पर फसल को नुकसान पहुंचा, जबकि वाशिम और यवतमाल में अलग अलग 4 लाख हेक्टेयर, धाराशिव में 1.50 लाख हेक्टेयर, बुलढाणा में 89,782 हेक्टेयर, सोलापुर में 47,266 हेक्टेयर, अकोला में 43,828 हेक्टेयर और हिंगोली में 40 हजार हेक्टेयर भूमि पर फसलों को नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि सोयाबीन, कपास, मक्का, उड़द, अरहर और मूंग की फसलों के साथ सब्जी उत्पादन, फल उत्पादन, बाजरा, गन्ना, प्याज, ज्वार और हल्दी की फसलों को भी नुकसान हुआ है।
भरणे ने कहा, ‘‘फसल नुकसान का आकलन (पंचनामा) कार्य अपने अंतिम चरण में है और किसानों को तत्काल राहत प्रदान की जाएगी। एक भी किसान छूटेगा नहीं। सरकार कृषक समुदाय के साथ मजबूती से खड़ी है। यह कार्य मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजित पवार के निर्देशों के तहत किया जा रहा है।’’
अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित जिले नांदेड़, वाशिम, यवतमाल, बुलढाणा, अकोला, सोलापुर, हिंगोली, धाराशिव, परभणी, अमरावती, जलगांव, वर्धा, सांगली, अहमदनगर, छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड, लातूर, धुले, रत्नागिरी, चंद्रपुर, सतारा, नासिक, कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग, गढ़चिरौली, रायगढ़ और नागपुर हैं।
भाषा यासिर नरेश
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