भारत को अल्पकालिक और दीर्घकालिक युद्धों के लिए तैयार रहना चाहिए: सीडीएस

भारत को अल्पकालिक और दीर्घकालिक युद्धों के लिए तैयार रहना चाहिए: सीडीएस

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  • Publish Date - December 22, 2025 / 09:40 PM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 09:40 PM IST

मुंबई, 22 दिसंबर (भाषा) प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने सोमवार को कहा कि भारत को आतंकवाद को रोकने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अल्पकालिक, उच्च तीव्रता वाले संघर्षों और अपने पड़ोसियों के साथ क्षेत्रीय विवादों के कारण दीर्घकालिक संघर्षों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।

जनरल चौहान ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा कि बहु-क्षेत्रीय अभियान अब विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता होंगे, जहां एक क्षेत्र का प्रभाव दूसरे क्षेत्र पर तुरंत महसूस होगा।

उन्होंने पाकिस्तान या चीन का नाम लिए बिना कहा, ‘‘भारत को किस प्रकार के खतरों और चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए? यह दो तथ्यों पर आधारित होना चाहिए। हमारे दोनों विरोधी -एक परमाणु हथियार संपन्न देश है और दूसरा परमाणु हथियारों से लैस देश है – इसलिए हमें उस स्तर की प्रतिरोधक क्षमता को भंग नहीं होने देना चाहिए।’’

सीडीएस ने कहा कि भारत का अपने दोनों पड़ोसी देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें आतंकवाद को रोकने के लिए अल्पकालिक, तीव्र संघर्षों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए, जैसे कि ऑपरेशन सिंदूर। हमें भूमि विवादों के कारण भूमि केंद्रित, दीर्घकालिक संघर्ष के लिए भी तैयार रहना चाहिए। फिर भी, हमें इससे बचने का प्रयास करना चाहिए।’’

देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी ने नए क्षेत्रों का लाभ उठाने और एक कमजोर प्रतिद्वंद्वी के साथ विषमता पैदा करने की आवश्यकता पर जोर दिया, और साथ ही यह भी कहा कि इन विषमताओं का फायदा अन्य देशों को उठाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद और ‘ग्रे ज़ोन’ युद्ध का खतरा बना रहेगा, जिसके लिए रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह की प्रतिक्रिया की आवश्यकता होगी।

‘ग्रे ज़ोन’ युद्ध शांति और पूर्ण युद्ध के बीच की स्थिति में होने वाला संघर्ष है, जहाँ देश सीधे बड़े सैन्य टकराव से बचते हुए, अस्पष्ट और अपरंपरागत तरीकों (जैसे साइबर हमले, आर्थिक दबाव, दुष्प्रचार, और छद्म अभियान) का उपयोग करके अपने रणनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।

उन्होंने कहा कि बहु-क्षेत्रीय अभियान अब कोई विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता होंगे, जहां एक क्षेत्र का प्रभाव दूसरे क्षेत्र पर तुरंत महसूस होगा।

सीडीएस ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर में यह स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। लगभग चार दिन तक चले इस युद्ध में भारत को निर्णायक जीत मिली, और इसमें युद्ध के सभी क्षेत्रों का एक साथ और अत्यधिक त्वरित गति से उपयोग किया गया।’’

भाषा

नेत्रपाल माधव

माधव