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नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने घरेलू क्रिकेट में समान वेतन संरचना की ओर कदम बढ़ते हुए महिला क्रिकेटरों और मैच अधिकारियों की मैच फीस दोगुनी से भी अधिक बढ़ा दी है। यह कदम भारत की पहली वनडे विश्व कप जीत के बाद उठाया गया है। इस वेतन वृद्धि को बोर्ड की शीर्ष परिषद ने मंजूरी दे दी है। संशोधित संरचना के अनुसार घरेलू टूर्नामेंटों में खेलने वाली सीनियर महिला क्रिकेटरों को अब प्रतिदिन 50,000 रुपये से 60,000 रुपये के बीच मिलेंगे, जो मौजूदा 20,000 रुपये (रिजर्व खिलाड़ियों के लिए 10,000 रुपये) प्रति मैच दिन से काफी अधिक है। सीनियर महिला घरेलू एक दिवसीय टूर्नामेंटों और बहुदिवसीय प्रतियोगिताओं में एकादश में शामिल खिलाड़ियों को प्रतिदिन 50,000 रुपये मिलेंगे, जबकि रिजर्व खिलाड़ियों को इसकी आधी राशि यानी 25,000 रुपये प्रति दिन मिलेंगे। राष्ट्रीय टी20 टूर्नामेंटों में एकादश में शामिल खिलाड़ियों को प्रति मैच 25,000 रुपये मिलेंगे, जबकि रिजर्व खिलाड़ियों को 12,500 रुपये मिलेंगे। बीसीसीआई के अधिकारियों के अनुसार कोई महिला क्रिकेटर पूरे सत्र के दौरान सभी प्रारूपों में खेलती है, तो वह 12 लाख से लेकर 14 लाख रुपये तक कमा सकती है। शीर्ष परिषद ने जूनियर महिला क्रिकेटरों के पारिश्रमिक में भी वृद्धि की है। अंडर-23 और अंडर-19 श्रेणियों की खिलाड़ियों (एकादश में शामिल) को प्रतिदिन 25,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा, जबकि रिजर्व खिलाड़ियों को 12,500 रुपये मिलेंगे। अंपायर और मैच रेफरी सहित मैच अधिकारियों को भी इस तरह की बढोतरी का फायदा मिलेगा। घरेलू टूर्नामेंटों के लीग मैचों के लिए अंपायरों और मैच रेफरी के लिए प्रस्तावित आय प्रतिदिन 40,000 रुपये होगी। नॉकआउट मैचों के लिए प्रतिदिन का वेतन 50,000 रुपये से 60,000 रुपये के बीच होगा। यह मैच के महत्व और परिचालन आवश्यकताओं पर निर्भर करेगा। इस बढ़ोतरी के तहत रणजी ट्रॉफी लीग मैचों में अंपायरिंग करने वाले को अब प्रति मैच लगभग 1.60 लाख रुपये मिलेंगे, जबकि नॉकआउट मैचों में उन्हें प्रति मैच 2.5 लाख रुपये से 3 लाख रुपये के बीच मिलेंगे। बीसीसीआई का मानना है कि संशोधित वेतन संरचना महिला क्रिकेटरों और घरेलू मैच अधिकारियों को अधिक वित्तीय सुरक्षा और प्रेरणा प्रदान करेगी। यह बढ़ोतरी समग्र घरेलू पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगी। भाषा आनन्द सुधीरसुधीर