दूरदर्शन पर प्रसारित हुए ‘रजनी’ के एपिसोड हमेशा के लिए खो गए: करण राजदान

दूरदर्शन पर प्रसारित हुए ‘रजनी’ के एपिसोड हमेशा के लिए खो गए: करण राजदान

  •  
  • Publish Date - December 25, 2025 / 06:14 PM IST,
    Updated On - December 25, 2025 / 06:14 PM IST

मुंबई, 25 दिसंबर (भाषा) छोटे पर्दे पर 1985 के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘रजनी’ के एक नए संस्करण के साथ वापसी कर रहे अभिनेता-निर्देशक करण राजदान का कहना है कि मूल धारावाहिक के एपिसोड खो गए हैं।

‘रजनी’ में प्रिया तेंदुलकर ने अभिनय किया था, जिनकी मृत्यु हो चुकी है और वह करण राजदान की पत्नी थी।

रजदान द्वारा लिखे गए और बसु चटर्जी द्वारा निर्देशित इस कार्यक्रम में दिवंगत अभिनेत्री प्रिया तेंदुलकर ने एक मध्यमवर्गीय गृहिणी की भूमिका निभाई थी जो आम जनता से जुड़े मुद्दों को उठाती हैं। यह धारावाहिक उस समय काफी लोकप्रिय हुआ था और इसमें शाहरुख खान तथा सुभाष घई ने भी भूमिकाएं निभाई थीं।

दूरदर्शन पर वर्तमान में प्रसारित हो रहे इस नए संस्करण में आराधना शर्मा रजनी की बेटी की भूमिका निभा रही हैं, जो धारावाहिक के प्रत्येक एपिसोड में विभिन्न मुद्दों का सामना करके अपनी मां की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं।

लोकप्रिय धारावाहिक ‘तहकीकात’ के लिए भी जाने जाने वाले और ‘दिलजले’ तथा ‘त्रिमूर्ति’ जैसी फिल्मों के लिए पटकथा लिखने वाले फिल्म निर्माता इस बात से खुश हैं कि उन्हें ‘वेव्स ओटीटी’ पर इस सीरीज को फिर से बनाने का मौका मिला।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मूल एपिसोड हमेशा के लिए खो गए हैं क्योंकि उन दिनों टेप (उसकी रिकॉर्डिंग) को सुरक्षित रखना लगभग नामुमकिन था। कम से कम हमने यहां रजनी को फिर से जीवंत कर दिया है और ‘वेव्स ओटीटी’ पर यह जीवन भर या उससे भी लंबे समय तक चलेगा।’’

राजदान ने कहा कि तेंदुलकर द्वारा निभाए गए किरदार के लिए किसी दूसरे को नहीं लाने का यह एक सचेत निर्णय था और इसके बजाय नयी नायिका के रूप में उनकी बेटी को पेश किया गया।

राजदान के अनुसार, उस समय यह श्रृंखला जारी नहीं रह सकी क्योंकि इसमें ऐसे मुद्दों को उठाया गया था जो सत्ता में बैठे लोगों के लिए सहज नहीं थे, लेकिन 1995 में दूसरे सीज़न के लिए इसे थोड़ समय के लिए फिर से शुरू किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘तो मैं लगभग आठ साल से (एक नया शो लाने के) विचार के साथ जी रहा था, जब तक कि गौरव द्विवेदी जी (सीईओ, प्रसार भारती) ने मुझसे संपर्क नहीं किया। हमने ‘रजनी 2.0’ बनाने और इसे ‘वेव्स’ पर शुरू करने का विचार बनाया।’’

भाषा यासिर माधव

माधव