Saurabh Chandrakar In Custody : महादेव ऐप के मालिक सौरभ चंद्राकर को दुबई में लिया गया हिरासत में, रवि उप्पल पहले ही हो चुका है गिरफ्तार

Saurabh Chandrakar In Custody : महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के प्रवर्तकों में से एक सौरभ चंद्राकर को दुबई में ‘नजरबंद’ किया गया है

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  • Publish Date - December 27, 2023 / 09:18 PM IST,
    Updated On - December 27, 2023 / 09:24 PM IST

Saurabh Chandrakar In Custody

मुंबई/रायपुर : Saurabh Chandrakar In Custody : महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के प्रवर्तकों में से एक सौरभ चंद्राकर को दुबई में ‘नजरबंद’ किया गया है, जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ED) सहित कई भारतीय जांच एजेंसियां सतर्क हो गईं हैं और उसे भारत लाने के लिए कूटनीति विकल्पों पर कार्य कर रही हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, ईडी इस करोड़ों रुपये के धनशोधन के मामले में जल्द ही नया आरोपपत्र दायर कर सकती है।

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सौरभ चंद्राकर को किया गया नजरबंद

Saurabh Chandrakar In Custody : ED की सलाह पर इंटरपोल ने सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप के एक अन्य प्रवर्तक रवि उप्पल के खिलाफ रेड नोटिस (आरएन) जारी किया था, जिसपर कार्रवाई करते हुए उसे दुबई में स्थानीय अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया था। उप्पल को हिरासत में लिये जाने के कुछ हफ्ते बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। सूत्रों ने कहा कि दुबई में चंद्राकर के स्थान के बारे में संघीय एजेंसी को सूचित कर दिया गया है और उसे ‘नजरबंद’ कर दिया गया है।

सूत्रों ने बताया कि भारतीय एजेंसियां धनशोधन मामले में शामिल इन दोनों मुख्य आरोपियों को वापस लाने के लिए कूटनीति विकल्पों पर काम कर रही हैं, जबकि पुलिस ‘महादेव बुक ऑनलाइन’ ऐप की कथित गैर-कानूनी गतिविधियों की जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले के तार छत्तीसगढ़ और अन्य जगहों पर राजनीति से जुड़े हो सकते हैं।

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ईडी के आरोप पत्र में शामिल है सौरभ और रवि का नाम

Saurabh Chandrakar In Custody : ईडी इस मामले के संबंध में नवंबर में छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किए गए दो लोगों के खिलाफ एक नया (पूरक) आरोपपत्र भी दाखिल कर सकती है। पुलिस ने इस मामले में कथित तौर पर पैसों का लेन-देन करने वाले असीम दास और पुलिस सिपाही भीम यादव को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने रायपुर में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने पहले आरोप पत्र में चंद्राकर और उप्पल के साथ कुछ अन्य लोगों को भी नामित किया था।

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