मुंबई, 10 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका समेत सभी नगर निगमों को निर्देश दिया कि वे पैदल यात्रियों की सुरक्षा पर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप अपने वार्षिक बजट का कम से कम एक प्रतिशत सड़क सुरक्षा और जन जागरूकता पहल के लिए निर्धारित करें।
शहरी विकास विभाग द्वारा जारी सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, यह कदम पैदल यात्रियों की सुरक्षा और यातायात अनुशासन के संबंध में एस राजशेखरन नामक एक व्यक्ति की जनहित याचिका पर शीर्ष अदालत द्वारा दिये गये आदेश के बाद उठाया गया है।
दिलचस्प बात यह है कि यह आदेश महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव से पहले आया है। राज्य में नगर निगम चुनाव संभवतः जनवरी 2026 में होंगे।
आदेश में यह अनिवार्य किया गया है कि प्रत्येक नगर निगम इस उद्देश्य के लिए एक अलग बजटीय मद बनाए और उस धनराशि का उपयोग केवल सड़क एवं पैदल यात्री सुरक्षा संबंधी उपायों के लिए करे।
सरकारी आदेश में सभी शहरी स्थानीय निकायों के लिए 14 विशिष्ट निर्देश दिए गए हैं। इन प्रमुख उपायों में दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने हेतु बस स्टैंड, मेट्रो और रेलवे स्टेशनों समेत प्रमुख सार्वजनिक परिवहन केंद्रों पर विशेष प्रकार के फुटपाथ बनाने का प्रावधान शामिल है।
नगर निगमों के लिए पैदल यात्रियों की पहुंच में सुधार लाने और ‘निर्बाध प्रवेश, प्रतीक्षा क्षेत्र और विशेष स्पर्शनीय मार्ग’ प्रदान करने के लिए यातायात विभाग के साथ समन्वय करना आवश्यक है।
जीआर में कहा गया है कि नगर निगमों को पंजीकृत ‘ऑडिटिंग एजेंसियों’ के माध्यम से हर छह महीने में व्यापक फुटपाथ ऑडिट कराने का भी निर्देश दिया गया है, जिसमें बाज़ारों, स्कूलों, कॉलेजों, परिवहन टर्मिनलों और पर्यटन स्थलों जैसे व्यस्त क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी।
प्रस्ताव में नगर निकायों से उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को भी कहा गया है।
भाषा
राजकुमार नरेश
नरेश