मुंबई की अदालत ने जबरन वसूली के मामले परबीर सिंह के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट किया रद्द

मुंबई की अदालत ने जबरन वसूली के मामले परबीर सिंह के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट किया रद्द

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  • Publish Date - November 30, 2021 / 01:28 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

मुंबई, 30 नवंबर (भाषा) मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मरीन ड्राइव थाने में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) मंगलवार को रद्द कर दिया।

इस साल 22 जुलाई को रियल एस्टेट डेवलपर श्यामसुंदर अग्रवाल की शिकायत के बाद यह मामला दर्ज किया गया था। अदालत ने इस महीने की शुरुआत में सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।

मामले की जांच कर रहे महाराष्ट्र आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का अनुरोध किया था।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आरएम नेर्लिकर ने मंगलवार को सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट रद्द कर दिया। प्राथमिकी में परमबीर सिंह और सात अन्य के नाम आरोपी के तौर पर दर्ज किया गया है, जिनमें पांच पुलिस अधिकारी हैं।

अग्रवाल ने आरोप लगाया है एक ‘‘झूठे’’ मामले के तहत परमबीर सिंह और अन्य पुलिस अधिकारियों ने उसके पुराने साथी (बिजनेस पार्टनर) संजय पुनामिया के कहने पर उससे पैसे वसूले थे।

जबरन वसूली के एक मामले में यहां की एक अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद, सिंह छह महीने बाद गत बृहस्पतिवार को सार्वजनिक रूप से पहली बार सामने आए और अपना बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई अपराध शाखा के समक्ष पेश हुए।

सिंह, एक स्थानीय बिल्डर की शिकायत पर अपने और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के अन्य मामले में शुक्रवार को ठाणे पुलिस के समक्ष भी पेश हुए थे।

उच्चतम न्यायालय ने सिंह को गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा दे रखी है।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी के खिलाफ महाराष्ट्र में कम से कम पांच जबरन वसूली के मामले दर्ज हैं।

भाषा निहारिका अनूप

अनूप