तीन आरोपियों को रिहा करने पर मुंबई अदालत ने उप्र के अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिए
तीन आरोपियों को रिहा करने पर मुंबई अदालत ने उप्र के अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिए
मुंबई, 20 जून (भाषा) यहां की एक विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश के जेल महानिरीक्षक को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनयम (मकोका) के तहत दर्ज एक मामले में तीन कैदियों को रिहा करने के मामले में जेल अधीक्षक के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने का निर्देश दिया है।
विशेष न्यायाधीश बी डी शेल्के ने सोमवार को पारित आदेश में कहा कि उत्तर प्रदेश के बांदा स्थित केंद्रीय जेल के अधीक्षक को समय-समय पर निर्देश दिया गया कि वह आरोपियों को मुंबई की विशेष अदालत के समक्ष प्रत्यक्ष रूप से या वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश करें।
मुंबई में एक मकोका मामले में आरोपी- मोहम्मद सलमान कुरैशी, संजय सालुंके, वाजिद शाह और आमिर रफीक शेख की हिरासत की आवश्यकता थी।
आदेश में कहा गया कि 12 जून को अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।
जेल अधीक्षक ने सोमवार को शेख को विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया और अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें अन्य तीन आरोपियों के बारे में कुछ नहीं कहा गया।
इस साल 28 जनवरी को अधीक्षक द्वारा विशेष अदालत को भेजे गए एक संदेश में कहा गया था कि कुरैशी, सालुंखे और शाह को 2022 में क्रमशः 29 जुलाई, दो जून और 22 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था।
विशेष न्यायाधीश ने कहा, “जब उन्हें (जेल अधीक्षक) पता था कि इन आरोपियों के खिलाफ मकोका के तहत दर्ज मामला इस अदालत के समक्ष लंबित है, तो उन्होंने उपरोक्त तीनों आरोपियों को इस अदालत में पेश करने या उनकी हिरासत इस अदालत को सौंपने के बजाय जेल से रिहा कर दिया।’
यह उल्लेख करते हुए कि यह जेल अधीक्षक की ओर से एक गंभीर कदाचार है, अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा विभागीय कार्यवाही शुरू किए जाने की आवश्यकता है।
अदालत ने इसके बाद उत्तर प्रदेश के जेल महानिरीक्षक को जेल अधीक्षक के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने का निर्देश दिया।
भाषा नेत्रपाल माधव
माधव

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