रेमंड ने विजयपत सिंघानिया की आत्मकथा के खिलाफ याचिका वापस ली

रेमंड ने विजयपत सिंघानिया की आत्मकथा के खिलाफ याचिका वापस ली

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  • Publish Date - November 11, 2021 / 08:19 PM IST,
    Updated On - November 11, 2021 / 08:19 PM IST

मुंबई, 11 नवंबर (भाषा) रेमंड लिमिटेड ने उद्योगपति विजयपत सिंघानिया की आत्मकथा ‘एन इनकंप्लीट लाइफ’ के विमोचन को लेकर बंबई उच्च न्यायालय में दायर अपनी अवमानना याचिका बृहस्पतिवार को वापस ले ली।

रेमंड के वकीलों ने कहा कि वे याचिका वापस ले रहे हैं क्योंकि वे ठाणे जिला अदालत के समक्ष एक नई याचिका दायर करना चाहते हैं।

न्यायमूर्ति माधव जामदार ने इसपर याचिका को उचित अदालत में दायर करने की स्वतंत्रता के साथ वापस लेने के तौर पर खारिज कर दिया।

रेमंड समूह के पूर्व अध्यक्ष 83 वर्षीय सिंघानिया पुस्तक के विमोचन को लेकर अपने अलग हुए बेटे गौतम सिंघानिया और रेमंड कंपनी के साथ कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं।

रेमंड लिमिटेड और उसके अध्यक्ष गौतम सिंघानिया ने 2019 में ठाणे सत्र अदालत और मुंबई में एक दीवानी अदालत में मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि इसकी (किताब की) सामग्री मानहानिकारक है।

ठाणे की अदालत ने अप्रैल 2019 में किताब के विमोचन के खिलाफ आदेश दिया था।

पिछले हफ्ते कंपनी ने उच्च न्यायालय से प्रकाशकों, मैकमिलन पब्लिशर्स प्राइवेट लिमिटेड को पुस्तक के वितरण, बिक्री या उपलब्ध कराने से रोकने का आग्रह किया।

याचिका में आरोप लगाया गया कि विजयपत सिंघानिया ने ठाणे अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए 31 अक्टूबर को गुप्त रूप से पुस्तक का विमोचन किया था।

एकल न्यायाधीश ने पुस्तक की बिक्री, प्रसार और वितरण पर रोक लगाने का आदेश पारित किया था लेकिन न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने बुधवार को आदेश को दरकिनार करते हुए कहा कि निचली अदालत के आदेश की गलत व्याख्या की गई।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश