किसी को अंदाजा नहीं था कि उद्धव को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिए राज ‘मातोश्री’ जाएंगे: सामना

किसी को अंदाजा नहीं था कि उद्धव को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिए राज ‘मातोश्री’ जाएंगे: सामना

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  • Publish Date - July 28, 2025 / 05:19 PM IST,
    Updated On - July 28, 2025 / 05:19 PM IST

मुंबई, 28 जुलाई (भाषा) किसी को अंदाजा भी नहीं था कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे को उनके 65वें जन्मदिन पर बधाई देने मातोश्री पहुंचेंगे। यह बात सोमवार को उद्धव के गुट के मुखपत्र ‘सामना’ में कही गई।

सामना की खबर में कहा गया है कि मनसे नेता बाला नंदगांवकर ने शिवसेना (उबाठा) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत को फोन करके बताया कि राज ठाकरे उद्धव को बधाई देने के लिए बांद्रा पूर्व स्थित मातोश्री आ रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज सुबह 11.30 बजे दादर के शिवाजी पार्क स्थित अपने आवास शिवतीर्थ से निकले। सामना के कार्यकारी संपादक राउत ने इसके बाद उद्धव को राज के आने की जानकारी दी।

राज रविवार दोपहर 12 बजे जब मातोश्री पहुंचे, तो उद्धव ने प्रवेश द्वार पर उनका स्वागत किया। इसके बाद दोनों चचेरे भाई शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कुर्सी के समक्ष गए और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

मुंबई में पांच जुलाई को राज ठाकरे के साथ अपनी संयुक्त रैली में उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह और मनसे प्रमुख साथ रहने के लिए एकजुट हुए हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा हिंदी भाषा के जीआर (प्रस्ताव) को वापस लेने का जश्न मनाने के लिए आयोजित ‘विजय’ रैली में, दोनों चचेरे भाइयों ने लगभग दो दशकों में पहली बार मराठी पहचान और हिंदी भाषा को ‘थोपने’ के मुद्दे पर एक राजनीतिक मंच साझा किया था।

इसी से जुड़े एक घटनाक्रम में भाजपा के मंत्री नितीश राणे ने कहा कि अगर परिवार एकजुट हो गया है, तो किसी को दुखी होने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन उन्होंने कहा कि राज की बड़ा दिल दिखाने के लिए सराहना की जानी चाहिए।

राणे ने कहा, ‘‘वह उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर मातोश्री गए थे। लेकिन क्या उद्धव ठाकरे 14 जून को राज ठाकरे के जन्मदिन पर उनके आवास पर गए थे? राज ठाकरे को मातोश्री से बाहर निकालने की साजिश रचने वाले उद्धव ठाकरे को राज ठाकरे का स्वागत करना पड़ा। उन्हें (उद्धव को) उनका (राज का) इंतजार करना पड़ा।’’

भाषा संतोष प्रशांत

प्रशांत