मुंबई, सात अप्रैल (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बीच पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क दो-दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाए जाने के लिए केंद्र सरकार की सोमवार को आलोचना की।
सपकाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मांग की कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमश: 51 रुपये और 41 रुपये प्रति लीटर तक कम की जानी चाहिए।
सरकार ने सोमवार को रसोई गैस की कीमतों में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की भारी बढ़ोतरी करने के साथ ही पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क भी दो रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया।
हालांकि, पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि का कोई असर नहीं होगा।
सपकाल ने कहा, ‘‘जजिया कर लगाकर लूट बंद करो। पेट्रोल की कीमत 51 रुपये और डीजल की कीमत 41 रुपये प्रति लीटर पर लाओ।’’
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल है फिर भी देश की जनता को अत्यधिक करों के जरिए लूटा जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने ईंधन पर लगाए गए करों और उपकर का ब्यौरा देने वाले श्वेत पत्र की मांग की। उन्होंने सवाल किया कि यूपीए शासन के दौरान ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के बारे में ट्वीट करने वाले लोग अब चुप क्यों हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद भारतीय नागरिकों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
सपकाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत फिलहाल 65 डॉलर प्रति बैरल है जबकि भारत में पेट्रोल की कीमत 109 रुपये और डीजल की कीमत 93 रुपये प्रति लीटर से अधिक है।
उन्होंने मांग की, ‘‘यदि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में कमी और अत्यधिक कराधान पर ध्यान दिया जाए तो पेट्रोल की कीमत 51 रुपये और डीजल की कीमत 41 रुपये प्रति लीटर हो सकती है, जिससे जनता को बहुत राहत मिलेगी।’’
भाषा प्रीति माधव
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