मुंबई, दो जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र में रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार समेत कुछ नेताओं के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल होने के कदम ने 1978 में हुए उस राजनीतिक घटनाक्रम की यादें ताजा कर दी, जब शरद पवार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंत दादा पाटिल की सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था।
शरद पवार लगभग 45 साल पहले कांग्रेस से बगावत करते हुए 40 विधायकों को लेकर अलग हो गए थे, जिसके चलते पाटिल नीत तत्कालीन सरकार गिर गई थी।
पवार ने 18 जुलाई 1978 को प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जिसमें कई विपक्षी दल शामिल थे।
वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश जोशी ने बताया कि 1978 में विधानमंडल सत्र चल रहा था और तत्कालीन गृह मंत्री नासिक राव तिरपुडे ने मुख्यमंत्री पाटिल को उद्योग मंत्री पवार से उनकी सरकार को खतरे के बारे में चेतावनी दी थी।
जोशी ने याद किया, ‘‘वसंतदादा ने (तिरपुडे को) जवाब दिया कि शरद अभी मुझसे मिले थे। उसी दिन बाद में वसंतदादा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।’’
भाषा शफीक नरेश
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