आंध्र प्रदेश: पल्स पोलियो अभियान के तहत 54 लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण

आंध्र प्रदेश: पल्स पोलियो अभियान के तहत 54 लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण

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  • Publish Date - December 21, 2025 / 12:06 PM IST,
    Updated On - December 21, 2025 / 12:06 PM IST

अमरावती, 21 दिसंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा रविवार को संचालित किए गए राज्यव्यापी पल्स पोलियो अभियान में पांच वर्ष से कम आयु के 54 लाख से अधिक बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाई गई।

केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य पांच वर्ष तक की उम्र के सभी बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करना था।

रविवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य भर में पल्स पोलियो कार्यक्रम चलाया, जिसके तहत लगभग 39,000 बूथ पर पांच वर्ष से कम उम्र के 54 लाख से अधिक बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई।’’

चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आयुक्त जी वीरपांडियन ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लगभग 99 लाख खुराक उपलब्ध कराई गई थीं, जिन्हें सभी जिलों में भेज दिया गया था।

उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की निगरानी और इसका बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों में नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मार्च 2014 में भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया था, लेकिन अन्य देशों से वायरस के प्रसार के खतरे को देखते हुए निरंतर टीकाकरण अभियान संचालित किया जा रहा है।

वीरपांडियन के अनुसार, राज्य में पोलियो का अंतिम मामला जुलाई 2008 में तत्कालीन अविभाजित पूर्वी गोदावरी जिले में सामने आया था।

नियमित टीकाकरण के तहत मुंह से दी जाने वाली पोलियो की दवा यानी ओरल पोलियो वैक्सीन (ओआरवी) की पांच खुराक दी जाती हैं, जबकि पल्स पोलियो दिवस पर एक अतिरिक्त खुराक दी जाती है।

इस अभियान में सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम), आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्टाफ परिचारिकाओं के दलों ने अपनी सेवाएं दीं।

अधिकारियों ने बताया कि जो बच्चे रविवार को टीकाकरण से छूट गए हैं, उनके लिए 22 और 23 दिसंबर को 76,000 से अधिक दल घर-घर जाकर खुराक पिलाएंगे।

इसके अलावा बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों और अस्पतालों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर भी मोबाइल टीम तैनात की गई हैं ताकि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे।

भाषा सुमित सुरभि

सुरभि