इस राज्य सरकार ने पलट दिए पूर्व सरकार के 6 निर्णय, यहां जानें कौन से हैं ये महत्वपूर्ण फैसले

Half a dozen decisions of MVA government stayed: शिंदे-फडणवीस सरकार ने पिछली एमवीए सरकार के छह निर्णय पलट दिये, Shinde-Fadnavis govt overturns six decisions of previous MVA govt

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  • Publish Date - October 23, 2022 / 11:11 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

Half a dozen decisions of MVA government stayed

Half a dozen decisions of MVA government stayed: मुंबई, 23 अक्टूबर । महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार ने आरे मेट्रो कार शेड के स्थानांतरण और राज्य में मामलों की जांच के वास्ते सीबीआई को आम मंजूरी समेत पिछली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के कम से कम आधे दर्जन निर्णयों पर रोक लगा दी है या उन्हें पलट दिया है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के बारे में राज्य सरकार का हाल का निर्णय इस मायने में अहम है कि पिछली शिवसेना नीत एमवीए सरकार ने इस जांच एजेंसी को आम मंजूरी यह कहते हुए वापस ले ली थी कि ‘राजनीतिक नफा-नुकसान के लिए इसका दुरूपयोग किया जा रहा है।’ वर्तमान सरकार ने इस माह के प्रारंभ में सत्ता में 100 दिन पूरे किये हैं।

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शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के विरूद्ध एकनाथ शिंदे के बगावत करने तथा पार्टी के 55 में 44 विधायकों के साथ एक अलग धड़ा बना लेने के बाद एमवीए सरकार गिर गयी थी और वर्तमान सरकार अस्तित्व में आयी थी। शिंदे ने इस साल जून में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने थे।

Half a dozen decisions of MVA government stayed: नवंबर, 2019 में सत्ता में आने के बाद शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की एमवीए सरकार ने पिछली भाजपा -शिवसेना सरकार के कुछ खास नीतिगत निर्णय पलट दिये थे। भाजपा-शिवसेना सरकार के अगुवा देवेंद्र फडणवीस थे।

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शिंदे सरकार ने उन चार नीतिगत निर्णयों को वापस लाने का फैसला किया जो 2014-2019 के दौरान फडणवीस सरकार द्वारा लिये गये थे लेकिन बाद में एमवीए सरकार ने इन्हें रद्द कर दिया था।

इन निर्णयों में कृषि उपज विपणन समिति बाजारों में किसानों के मताधिकार की बहाली, आपातकाल के दौरान जेल में डाल दिये गये लोगों के लिए पेंशन पुन: शुरू करना, लोगों के बीच से ग्राम प्रमुख और निगम परिषद अध्यक्षों का निर्वाचन शामिल हैं।

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महाराष्ट्र कृषि उपज एवं विपणन (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1963 में केवल ग्राम पंचायत, कृषि साख सोसाइटी एवं बहुद्देश्यीय सोसाइटियों के सदस्यों को ही समिति के सदस्यों के चुनाव की अनुमति थी लेकिन अगस्त, 2017 में भाजपा -शिवसेना सरकार ने उस कानून में संशोधन कर किसानों को भी मताधिकार दिया था। उसे जनवरी, 2020 में एवीए सरकार ने रद्द कर दिया था।

शिंदे सरकार ने उन राजनीतिक कार्यकर्ताओं की पेंशन भी बहाल की है जिन्हें आपातकाल में जेल में डाल दिया गया था। वर्ष 2017 में पहली बार फडणवीस सरकार ने यह फैसला किया था जिसे एमवीए सरकार ने 2020 में पलट दिया था और दावा किया था कि ज्यादातर लाभार्थी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता हैं।