पूरे होश में था किशोर, ऐसा दिखाने के प्रयास हुए कि वह कार नहीं चला रहा था: पुणे पुलिस प्रमुख

पूरे होश में था किशोर, ऐसा दिखाने के प्रयास हुए कि वह कार नहीं चला रहा था: पुणे पुलिस प्रमुख

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  • Publish Date - May 24, 2024 / 07:27 PM IST,
    Updated On - May 24, 2024 / 07:27 PM IST

पुणे, 24 मई (भाषा) पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि पोर्श कार हादसे के मामले में सबूतों से छेड़छाड़ कर यह दिखाने का प्रयास किया गया कि दुर्घटना के समय गाड़ी 17 वर्षीय किशोर नहीं बल्कि एक वयस्क चला रहा था।

कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि यह दिखाने का प्रयास किया गया कि कार कोई वयस्क चालक चला रहा था, लेकिन यह कोशिश नाकाम रही।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास उसके (किशोर के) पब में शराब पीने के सीसीटीवी फुटेज हैं। कहने का मतलब यह है कि हमारा मामला केवल खून की रिपोर्ट पर निर्भर नहीं है और हमारे पास अन्य साक्ष्य भी हैं।’’

कुमार ने कहा, ‘‘वह (किशोर) पूरी तरह होश में था, उसे अच्छी तरह पता था कि उसके कृत्य से इस तरह का हादसा हो सकता है जिसमें धारा 304 लागू होती है।’’

किशोर को थाने में सुविधाएं प्रदान किए जाने के आरोपों पर पुलिस आयुक्त ने कहा कि एसीपी स्तर के एक अधिकारी इस दावे की जांच कर रहे हैं।

आरोपी किशोर को घटना के बाद पिज्जा खिलाए जाने की खबरों पर कुमार ने कहा, ‘‘हमने साफ कहा है कि थाने में पिज्जा पार्टी नहीं हुई थी। लेकिन हां, कुछ ऐसा हुआ था कि जिस पर हमने आंतरिक जांच शुरू की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस मामले को पूरी तरह पुख्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हमने आरोपी के पिता और बार संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। साक्ष्यों का तकनीकी विश्लेषण किया जा रहा है।’’

पुलिस अधिकारी ने कहा कि आंतरिक जांच में इस बात की ओर इशारा हुआ है कि मामला दर्ज करने में कुछ पुलिस कर्मियों की ओर से चूक हुई। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी जांच के दौरान यह बात साफ हो गई है कि किशोर ही कार चला रहा था और हमने घटनाक्रम से संबंधित सभी जरूरी साक्ष्य जुटा लिए हैं। उदाहरण के लिए जब किशोर घर से निकला था तो रजिस्टर में उसके कार के साथ घर से निकलने की एंट्री है।’’

पुलिस आयुक्त ने कहा कि तकनीकी और सीसीटीवी साक्ष्यों के आधार पर इस बात की पुष्टि हुई है कि कार को किशोर चला रहा था। उन्होंने कहा कि चश्मदीदों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि घटना के समय कार किशोर चला रहा था।

कुमार ने कहा कि ऐसा दिखाने का प्रयास किया गया कि रविवार तड़के तीन बजे के आसपास जब शहर के कल्याणी नगर इलाके में पोर्श कार से दो लोगों को टक्कर लगी थी तब कार किशोर नहीं उसके परिवार का एक ड्राइवर चला रहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इन बातों की जांच कर रहे हैं और ऐसी कोशिश करने वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 201 (सबूत नष्ट करना) के तहत कार्रवाई करेंगे।’’

रक्त नमूनों के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि किशोर को मामला दर्ज होने के बाद रविवार सुबह करीब नौ बजे ससून अस्पताल भेजा गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘रक्त के नमूने लेने में देरी हुई और रात 11 बजे नमूने लिए गए लेकिन हमारे मामले में खून की रिपोर्ट प्रमुख आधार नहीं है।’’

कुमार ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है और किशोर को अच्छी तरह पता था कि नशे की हालत में गाड़ी चलाने से इस तरह का अपराध हो सकता है और लोगों की जान जा सकती है।

एहतियाती उपाय के रूप में, एक अन्य प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए अतिरिक्त रक्त नमूने लिए गए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नमूने और डीएनए रिपोर्ट दोनों एक ही व्यक्ति के हों।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें रक्त जांच की रिपोर्ट नहीं मिली हैं लेकिन प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है।’’

कुमार ने कहा कि प्रारंभिक प्राथमिकी में धारा 304 ए (लापरवाही से मौत) लागू की गई थी, लेकिन उसी दिन इसकी जगह धारा 304 को लागू कर दिया गया।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि एसीपी स्तर के एक अधिकारी को जांच सौंपी जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या सबूतों के साथ छेड़छाड़ या उन्हें नष्ट करने का कोई प्रयास किया गया था।

उन्होंने यह भी कहा कि अदालत में पुलिस का पक्ष प्रभावी तरीके से रखने के लिए विशेष वकीलों की नियुक्ति की जाएगी।

कुछ पुलिस कर्मियों को गलत तरह से काम कराने के लिए मनाने के आरोपों के बारे में शिकायतों पर कुमार ने कहा कि पुलिस ने शुरू से ही सख्त रुख अपनाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह कहना सही नहीं है कि पुलिस पर दबाव था या पुलिस की ओर से लापरवाही हुई। लेकिन यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि पहली बार में धारा 304 क्यों नहीं लगाई गई।’’

कुछ चश्मदीदों पर दबाव होने की शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, ‘‘अगर इस तरह की बात सामने आई तो संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’

पुणे के कल्याणी नगर में रविवार तड़के कथित तौर पर पोर्श कार चला रहे नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी जिससे दोनों की मौत हो गयी थी।

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश