ठाणे एमएसीटी ने 2006 की दुर्घटना में घायल महिला को आठ लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया

ठाणे एमएसीटी ने 2006 की दुर्घटना में घायल महिला को आठ लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया

ठाणे एमएसीटी ने 2006 की दुर्घटना में घायल महिला को आठ लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया
Modified Date: May 20, 2025 / 02:53 pm IST
Published Date: May 20, 2025 2:53 pm IST

ठाणे, 20 मई (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) ने 2006 में एक दुर्घटना में घायल हुई एक महिला को आठ लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

एमएसीटी के अध्यक्ष एस. बी. अग्रवाल ने याचिकाकर्ता दीपा रामकृष्णन को मुआवजा राशि दिए जाने का आदेश दिया। फरवरी 2006 में हुई दुर्घटना में रामकृष्णन स्थायी रूप से आंशिक दिव्यांगता का शिकार हो गई थीं और उस समय वह छात्रा थीं।

एमएसीटी द्वारा नौ मई को दिए गए इस आदेश की एक प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई।

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रामकृष्णन के अधिवक्ता बलदेव बी राजपूत ने अधिकरण को बताया कि 25 फरवरी, 2006 को नवी मुंबई में मोटरसाइकिल की टक्कर एक टेंपो से हुई थी और रामकृष्णन मोटरसाइकिल पर पीछे बैठी थीं।

महिला के दाहिने हाथ और कलाई की हड्डी टूटने के साथ उसे गंभीर चोटें आईं थी। इसके कारण उसे कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और कई बार उसकी सर्जरी भी हुई।

अध्यक्ष एस. बी. अग्रवाल ने अपने फैसले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की इस दलील पर गौर किया कि यह समग्र लापरवाही का मामला है, भले ही अपराध मोटरसाइकिल सवार के खिलाफ दर्ज किया गया था।

अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हालांकि पेश किए गए साक्ष्यों से अपराध मोटरसाइकिल चालक के खिलाफ दर्ज किया गया था लेकिन यह समग्र लापरवाही का मामला प्रतीत होता है, क्योंकि याचिकाकर्ता का कहना है कि टेंपो चालक ने अचानक ब्रेक लगा दिए थे, जिसके कारण मोटरसाइकिल उस टेंपो से टकरा गई।’’

उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में टेंपो मालिक और बीमा कंपनी याचिकाकर्ता को मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी होंगे।

अधिकरण ने अस्पताल के बिल के आधार पर चिकित्सा व्यय के लिए 5.5 लाख रुपये, पीड़ा तथा कष्ट के लिए एक लाख रुपये और सामान्य जीवन प्रभावित होने के लिए एक लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।

अधिकरण ने प्रतिवादियों (टेंपो मालिक और बीमाकर्ता) को यह राशि संयुक्त रूप से और अलग-अलग, याचिका दायर करने की तारीख से 7.5 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज के साथ चुकाने का निर्देश दिया।

भाषा यासिर मनीषा

मनीषा


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