अदालत ने जरांगे, उनके समर्थकों से अपराह्न तीन बजे तक आजाद मैदान खाली करने को कहा
अदालत ने जरांगे, उनके समर्थकों से अपराह्न तीन बजे तक आजाद मैदान खाली करने को कहा
(फोटो के साथ)
मुंबई, दो सितंबर (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे और उनके समर्थकों को निर्देश दिया वे मंगलवार को अपराह्न तीन बजे तक आजाद मैदान खाली करें, नहीं तो कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें।
अदालत ने चेतावनी दी कि अगर जरांगे और उनके समर्थक जगह खाली नहीं करते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी जिसमें भारी जुर्माना और अवमानना का मुकदमा भी शामिल है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति आरती साठे जरांगे की पीठ ने कहा कि वे चाहते हैं कि अपराह्न तीन बजे तक पूरी तरह सामान्य स्थिति बहाल हो जाए।
उच्च न्यायालय ने कहा कि जरांगे और उनके समर्थकों ने कानून का उल्लंघन किया है और इसलिए उन्हें बिना अनुमति के आजाद मैदान पर कब्जा करने का कोई अधिकार नहीं है।
अदालत ने कहा, ‘‘यह बहुत गंभीर स्थिति है। हम राज्य सरकार से भी संतुष्ट नहीं हैं। ऐसा लगता है कि सरकार की ओर से भी कुछ चूक हुई है।’’
जरांगे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश मानेशिंदे ने मुंबई की सड़कों पर उनके कुछ समर्थकों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगी और कहा कि आरक्षण कार्यकर्ता ने पहले दिन से ही यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि किसी भी आम नागरिक को परेशानी न हो।
इसके बाद अदालत ने पूछा कि क्या जरांगे और उनके समर्थक आजाद मैदान से चले गए हैं। जरांगे आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘वे (जरांगे और उनके समर्थक) उल्लंघनकर्ता हैं और इसलिए उनके पास कोई अधिकार नहीं है। उन्हें तुरंत चले जाना चाहिए, वरना हम कार्रवाई करेंगे। यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। अपराह्न तीन बजे के बाद हम आजाद मैदान में किसी को भी आने की अनुमति नहीं देंगे।’’
अदालत ने कहा कि सोमवार को कई प्रदर्शनकारियों ने उच्च न्यायालय को घेर लिया था, जिससे न्यायाधीशों के काम में बाधा उत्पन्न हुई।
पीठ ने कहा, ‘‘इस तरह की स्थिति अस्वीकार्य है कि उच्च न्यायालय को घेराबंदी जैसी परिस्थिति में डाल दिया जाए और एक न्यायाधीश को अदालत तक पहुंचने के लिए पैदल चलकर जाना पड़े।’’
अदालत अब मामले में मंगलवार अपराह्न तीन बजे सुनवाई करेगी।
जरांगे 29 अगस्त से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं और उन्होंने कहा है कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती, तब तक वह मुंबई नहीं छोड़ेंगे।
इससे पहले सोमवार को उच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं था और आजाद मैदान में प्रदर्शन की अनुमति देते समय अधिकारियों द्वारा लगाई गई सभी शर्तों का जरांगे एवं उनके समर्थकों ने उल्लंघन किया है।
सोमवार को अदालत ने यह भी कहा कि प्रदर्शन के कारण मुंबई ठप हो गई है और शहर थम सा गया है। अदालत ने सामान्य स्थिति बहाल करने का आग्रह किया।
इसके बाद, अदालत ने जरांगे और उनके समर्थकों को स्थिति सुधारने तथा मंगलवार दोपहर तक उनके द्वारा अवरुद्ध एवं कब्जा की गई सड़कों को खाली करने का अवसर दिया।
अदालत ने सरकार और पुलिस को शर्तों के उल्लंघन के लिए जरांगे एवं उनके समर्थकों के खिलाफ कानून के अनुसार कदम उठाने का भी निर्देश दिया।
मुंबई पुलिस ने मंगलवार को जरांगे और उनकी टीम को एक नोटिस जारी किया और उन्हें जल्द से जल्द आजाद मैदान खाली करने को कहा।
भाषा सुरभि मनीषा
मनीषा

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