ट्रेन गोलीबारी मामले में गवाह ने कहा : पूर्व आरपीएफ कर्मी को यात्री पर बंदूक तानते देखा था

ट्रेन गोलीबारी मामले में गवाह ने कहा : पूर्व आरपीएफ कर्मी को यात्री पर बंदूक तानते देखा था

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  • Publish Date - October 17, 2025 / 10:01 PM IST,
    Updated On - October 17, 2025 / 10:01 PM IST

मुंबई, 17 अक्टूबर (भाषा) वर्ष 2023 में चलती ट्रेन में गोलीबारी की घटना के एक गवाह ने शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत को बताया कि उसने आरोपी को बंदूक के बल पर एक यात्री को डिब्बे से बाहर ले जाते देखा था।

इस मामले में आरपीएफ कांस्टेबल ने चलती ट्रेन में कथित तौर पर चार लोगों की हत्या कर दी थी। बाद में उसे बर्खास्त कर दिया गया।

पेशे से बैंक प्रबंधक गवाह ने कहा कि बाद में उन्हें पता चला कि उस यात्री को तीन अन्य लोगों के साथ कथित तौर पर कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी ने मार डाला था, जो जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में ड्यूटी पर तैनात था।

बैंक प्रबंधक गोलीबारी के दिन मुंबई जाने वाली ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। वह मामले की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एम एच पठान के समक्ष गवाह के रूप में पेश हुए।

अभियोजन पक्ष द्वारा यात्री का विवरण पूछे जाने पर गवाह ने अदालत में कहा, ‘‘उसकी दाढ़ी थी, मूंछें नहीं थीं और उसे देखकर कोई भी समझ सकता था कि वह मुस्लिम समुदाय से था।’’

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के पूर्व कांस्टेबल चौधरी पर 31 जुलाई, 2023 को तड़के मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर दूर पालघर स्टेशन के पास एक्सप्रेस ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहयोगी (सहायक उप-निरीक्षक टीका राम मीणा) और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है।

तीनों मृतक यात्री, अब्दुल कादर मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला, सैय्यद सैफुद्दीन और असगर अब्बास शेख ट्रेन के अलग-अलग डिब्बों में यात्रा कर रहे थे।

जानलेवा गोलीबारी के बाद चौधरी (41) को राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने गिरफ्तार कर लिया। वह फिलहाल जेल में है।

अतिरिक्त लोक अभियोजक सुधीर सपकाले द्वारा पूछताछ के दौरान, गवाह ने बताया कि वह ट्रेन के बी2 कोच में यात्रा कर रहा था।

बैंक प्रबंधक के अनुसार, सुबह करीब पांच बजे उन्होंने देखा कि एक आरपीएफ कांस्टेबल राइफल लेकर उस कोच में आया और बीच वाली बर्थ पर सो रहे एक यात्री को जगाया।

गवाह ने बताया कि आरपीएफ के पूर्व कांस्टेबल ने यात्री की ओर राइफल तानकर उसे खड़े होने और डिब्बे से बाहर आने को कहा।

गवाह ने कहा, ‘‘घर पहुंचने पर मुझे पता चला कि आरपीएफ कर्मी ने अपने वरिष्ठ अधिकारी और उस व्यक्ति सहित चार लोगों की हत्या कर दी थी जिसे उसने डिब्बे से बाहर निकाला था।’’

गवाह ने इससे पहले ठाणे जेल में, जहां चौधरी बंद है, शिनाख्त परेड के दौरान आरोपी की पहचान की थी। उन्होंने बर्खास्त आरपीएफ कांस्टेबल की अदालत में भी पहचान की, जिसे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किया गया था।

चौधरी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के साथ-साथ रेलवे अधिनियम और महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं।

भाषा संतोष अविनाश

अविनाश