Makar Sankranti 2024: संक्रांति के दिन है दही-चूड़ा खाने का रिवाज, जानें क्या है इसके पीछे की वजह
Makar Sankranti 2024 आखिर क्यों मकर संक्रांति के दिन खाया जाता है दही-चूड़ा? जानें इसके पीछे क्या है कारण, पढ़ें पूरी खबर
Makar Sankranti 2024
Makar Sankranti 2024: हिंदू धर्म में कई तरह के त्योहार मनाए जाते है। इन्हीं में से एक साल का पहला त्योहार मकर संक्रांति बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार तप, पूजा, दान और त्याग के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार यह त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन भक्त गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं और पूजा-पाठ करते हैं, जबकि कुछ दही-चूड़ा खाते हैं और दान-पुण्य करते हैं। बता दें इसके पीछे कई मान्यताएं है।
इसलिए खाया जाता है दही-चूड़ा?
Makar Sankranti 2024: बिहार में, मकर संक्रांति दही-चूड़ा, लाई-तिलकुट और पतंग उड़ाकर मनाई जाती है। यह न केवल स्वादिष्ट है बल्कि काफी स्वास्थ्यवर्धक भी है। इसे आमतौर पर दान और दान के कार्य के बाद खाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि दही-चूड़ा खाने से सुख-सौभाग्य बढ़ता है। साथ ही इससे ग्रह दोष भी समाप्त होता है। वहीं अगर यह परिवार के साथ बैठकर खाया जाए, तो इससे रिश्तों में मधुरता आती है।
दही-चूड़ा खाने से पहले करें ये काम
Makar Sankranti 2024: दही-चूड़ा खाने से पहले सुबह गंगा स्नान अवश्य रूप से करना चाहिए। सबसे पहले सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इसके बाद कुछ दान और पुण्य करें। दही-चूड़ा खाने से पूर्व भगवान सूर्य के मंत्रों का जाप करें। इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति प्रबल होती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इन मंत्रों के साथ करें भगवान सूर्य का पूजन
”ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ”

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