Shardiya Navratri 2025 Day 7: मां कालरात्रि की कृपा से बदल सकती है किस्मत, जानिए 7वें दिन का शुभ समय और खास उपाय

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है, जो देवी दुर्गा की सातवीं शक्ति हैं। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, ये शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं। इनकी उपासना से शनि के दुष्प्रभाव दूर होते हैं और भय, बाधा व नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। पूजा से साहस व आत्मबल बढ़ता है।

Shardiya Navratri 2025 Day 7: मां कालरात्रि की कृपा से बदल सकती है किस्मत, जानिए 7वें दिन का शुभ समय और खास उपाय

(Shardiya Navratri 2025 Day 7, Image Credit: IBC24 News Customize)

Modified Date: September 29, 2025 / 10:14 am IST
Published Date: September 29, 2025 10:14 am IST
HIGHLIGHTS
  • आज सप्तमी तिथि दोपहर 04:31 बजे तक रहेगी।
  • मां कालरात्रि को गुड़ और लाल फूल अति प्रिय हैं।
  • मां कालरात्रि को शुभंकरी भी कहा जाता है - संकटों की नाशिनी।

रायपुर: Shardiya Navratri 2025 Day 7: आज 29 सितंबर 2025 को नवरात्रि की सप्तमी तिथि है, जो देवी दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि को समर्पित होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां कालरात्रि की आराधना से जीवन में चल रही हर प्रकार की नकारात्मकता समाप्त होती है और सुख-शांति का वास होता है। यह दिन भक्तों के लिए बहुत शुभ और दिव्य फल प्रदान करने वाला माना जाता है।

Shardiya Navratri 2025 Day 7:  नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की विशेष पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मां की विधिपूर्वक आराधना करने से भक्तों के जीवन में सुरक्षा, सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। मां कालरात्रि का रूप भयानक प्रतीत होता है, लेकिन भक्तों के लिए वह सभी नकारात्मक शक्तियों और संकटों से रक्षा करती हैं। इस पावन दिन विधिपूर्वक पूजा करने से घर में सुख शांति, खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

मां कालरात्रि का स्वरूप

पुराणों के मुताबिक देवी दुर्गा ने राक्षस रक्तबीज का वध करने के लिए कालरात्रि को उत्पन्न किया था। इनके शरीर का रंग घने अंधकार जैसा है, बिखरे हुए बाल, गले में विद्युत जैसी माला और तीन नेत्र इनकी विशेषता है। इनके सांसों से अग्नि ज्वालाएं निकलती रहती हैं और इनका वाहन गर्दभ है। वर और अभय मुद्रा में हाथ तथा खड्ग और कांटे का अस्त्र धारण करने वाली मां कालरात्रि भयानक स्वरूप के बावजूद शुभ फल देने वाली हैं, इस कारण इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है।

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आज का पंचांग

आज का दिन सोमवार तिथि सप्तमी दोपहर 04:31 तक रहेगी। सूर्य राशि कन्या और चंद्र राशि धनु में स्थित हैं। सूर्योदय सुबह 06:13 बजे और सूर्यास्त शाम 18:09 बजे होगा। चंद्रमा दोपहर 12:51 बजे उदय होगा और 22:55 बजे अस्त होगा। आज का मूल नक्षत्र गंभीर, अनुशासनप्रिय और ईमानदार व्यक्तित्व को दर्शाता है।

शुभ और अशुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:53 – 05:41
  • अभिजीत मुहूर्त: 12:05 – 12:53
  • विजय मुहूर्त: 14:29 – 15:17
  • गोधूलि मुहूर्त: 18:29 – 18:53
  • अमृत काल: 23:15 – 01:01 (30 सितंबर)
  • निशिता काल: 00:05 – 00:53 (30 सितंबर)
  • राहुकाल: 07:43 – 09:12
  • गुलिक काल: 13:41 – 15:10
  • यमगण्ड: 10:42 – 12:11

पूजा विधि

कलश पूजन के बाद माता के समक्ष दीपक जलाकर रोली, अक्षत, पुष्प और फल अर्पित करें। देवी को विशेष रूप से लाल पुष्प प्रिय हैं। अतः गुड़हल या गुलाब अर्पित करना शुभ माना जाता है। माता को गुड़ का भोग लगाएं और ब्राह्मण को गुड़ का दान करें।

बीज मंत्र

क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः।।

ध्यान मंत्र

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

सप्तमी पर विशेष उपाय

जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या दान करें।
पूजा में लाल रंग के फूल और वस्त्र का विशेष प्रयोग करें।
यदि घर में कोई दीर्घकालिक रोग या अशांति है, तो हवन या यज्ञ करना बेहद फलदायी होगा।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।