डोंगरगढ़। तीर्थ स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार कीई पिलग्रिमेज रिज्यूवेनेशन एंड स्पिरिच्युअल हेरिटेज आगमेंटेशन ड्राइव (प्रसाद योजना) में छत्तीससगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ को शामिल किया गया है।
इस योजना से डोंगरगढ़ खासकर शहर में स्थित तीर्थ स्थलों को विकसित किया जाएगा। इस योजना से डोंगरगढ़ में टूरिज्म की बेहतर अधोसंरचना तैयार होगी। इसके लिए टूरिज्म प्लान का आरंभिक खाका भी तैयार किया गया है। डोंगरगढ़ में पर्यटकों एवं यहां आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके और वे लोग पर्यटन का पूरा संतोष अनुभव कर सकें। इस तरह की अधोसंरचना पर कार्य किया जा रहा है।
गौरतलब है कि प्रसाद योजना के अंतर्गत डोंगरगढ़ को शामिल किये जाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन ने केंद्र सरकार को भेजा था। बता दें कि डोंगरगढ़ मां बम्लेश्वरी धाम होने के साथ ही मुंबई-हावड़ा ट्रेन रूट में स्थित है। डोंगरगढ़ हिन्दू धार्मिक आस्था के साथ ही बौद्ध, जैन, ईसाई और सभी धार्मिक मतावलंबियों की आस्था का केंद्र है। यहां साल भर विभिन्न धर्मों के कार्यक्रम होते रहते हैं। यहां हर साल अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन भी आयोजित किया जाता है।
इस सम्मेलन में भारत के अलावा विदेशी धर्मावलम्बी भी पहुंचते है। जैन उपासकों का सबसे बड़ा चंद्रगिरि तीर्थ भी यही हैं। यहां भगवान पहाड़ पर चंद्रगिरि प्रभु की विशाल प्रतिमा स्थपित की जा रही है इसके अलावा क्रॉस पहाड़ी पर गुड फ्राइडे के अवसर पर पूरे देश भर से ईसाई यहां पहुंचते है और क्रॉस पहाड़ी पर प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है। आदिवासियों के देवता की विशाल प्रतिमा भी पहाड़ पर स्थित है। यहां साल भर आदिवासी पहुंचकर पूजा अर्चना करते है।
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इसके अतिरिक्त दक्षिण दिशा में मां बम्लेश्वरी की तलहटी में भगवान शिव का जटाशंकर मंदिर स्थित है यहां भी श्रद्धालु साल भर आते हैं। प्रदेश में सिख धर्म का सबसे बड़ा और भव्य गुरुद्वारा भी यहां स्थित है। हर साल यहां लाखों लोग पहुंचते हैं।