Free ration yojana : डर, दहशत और लाचारी में गरीबों के लिए हितकारी साबित हुआ “अन्न योजना”, PM मोदी की हुई प्रशंसा
PM Narendra Modi Birthday : पीएम मोदी ने एक के बाद कई ऐसे फैसले लिए जो गरीबों के लिए हितकारी साबित हुआ । Garib Kalyan Anna Yojana
PM Modi's birthday
नई दिल्ली। PM Narendra Modi Birthday: देश में आए अज्ञात बीमारी ने करोड़ों लोगों की खुशियों को तबाह कर दिया। वहीं कोरोना महामारी का डर ऐसा था कि चारों तरफ सिर्फ मौत की चीखें सुनाई दे रही थी। डर, दशहत और लाचारी का माहौल था। लोगों ने कभी सोचा नहीं था कि जो दृश्य फिल्मों में देखने का मिलता है अब असल जिंदगी में ये भी देखने को मिलेगा। इस बीच पीएम मोदी सरकार ने देश में तेज और सटीक फैसले लेकर स्थिति को संभाले रखा है। पीएम ने एक के बाद कई ऐसे फैसले लिए जो गरीबों के लिए हितकारी साबित हुआ। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन बड़े फैसलों में से एक गरीब कल्याण अन्न योजना के बारे में आपको बता रहे हैं। जो कोरोना काल में करोड़ों गरीबों के लिए हितकारी साबित हुआ।
PM Narendra Modi Birthday: जब देश में कोविड-19 का पहला केस आया तो मानो जैसे एक अभूतपूर्व और अघोषित और अदृश्य युद्ध की घंटी बज चुकी थी। इस आपदा के दौरान देश के ‘कमांडर-इन-चीफ’ थे नरेंद्र मोदी। महामारी के दौर में पीएम मोदी ने लॉकडाउन, फ्री राशन और टीकाकरण से लेकर कई ऐसे सैंकड़ों असरदार फैसले लिए जो महामारी के दौरान देश के लिए बेहद हितकारी साबित हुए। मोदी सरकार के इन्हीं फैसलों में से एक गरीबों को मुफ्त राशन और तेजी से वैक्सीनेशन वो कदम रहे जिनकी वैश्विक स्तर पर भी प्रशंसा हुई।
लॉकडाउन और रोजी-रोटी का भयानक संकट
लॉकडाउन का जिक्र होते ही देश में खलबली मच गई। इससे एक ओर जहां व्यापारी परेशान रहे तो वहीं दूसरी ओर लोगों के ऊपर रोजी-रोटी की भयानक संकट आ खड़ा हुआ था। लोगों की बीमारी से जान तो जा रही थी साथ ही भुखमरी से भी मरने की नौबत आ गई थी, इस भीषण संकट के बीच पीएम मोदी ने गरीबों के लिए फ्री राशन योजना शुरू की। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों को प्रति व्यक्ति 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त देने की घोषणा की गई।
PM Narendra Modi Birthday: बता दें कि पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की घोषणा मार्च 2020 में किया गया। इसका मकसद लोगों को रोजी-रोटी के संकट से उबारना। शुरुआत में PMGKAY स्कीम को अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए लॉन्च किया गया था, लेकिन बाद में इसे 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था। इसके बाद इसे 31 मार्च 2022 तक बढ़ाया गया और अब फिर से इसे 30 सितंबर 2022 तक बढ़ाया जा रहा है।
इस कार्यक्रम को मार्च 2022 में आगे बढ़ाने के बाद मोदी सरकार ने गरीब परिवारों को 1,003 लाख टन अनाज का वितरण करने का लक्ष्य रखा है जिस पर 3.4 लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। अब तक सरकार इस योजना पर 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है और अगले 6 महीनों में इस पर 80 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस योजना के अब तक पांच चरण चलाए जा चुके हैं। अब तक खाद्य मंत्रालय ने कुल 759 लाख टन खाद्यान्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को वितरित किया है।

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