Chaitanya Baghel Update: चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये प्राप्त किए , ED का दावा
Chaitanya Baghel received Rs 16.70 crore from liquor scam: चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये प्राप्त किए : प्रवर्तन निदेशालय का दावा
- चैतन्य की दो फर्म को ‘मेसर्स सहेली ज्वैलर्स’ से पांच करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई
- चैतन्य के निर्देश पर केके श्रीवास्तव को लगभग 80-100 करोड़ रुपये नकद दिए
रायपुर: Chaitanya Baghel received Rs 16.70 crore from liquor scam, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने कथित शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये प्राप्त किए और अपराध की आय से अर्जित एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शुक्रवार को रायपुर की एक विशेष अदालत में चैतन्य की रिमांड का अनुरोध करते हुए दायर अपने आवेदन में, धन शोधन निरोधक एजेंसी ने कहा कि जांच से पता चला है कि चैतन्य के पास अपराध की आय थी और वह इसे छिपाने, हस्तांतरण, उपयोग, उसे वैध दिखाने आदि प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से शामिल थे।
चैतन्य की दो फर्म को ‘मेसर्स सहेली ज्वैलर्स’ से पांच करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई
रिमांड आवेदन में कहा गया है कि ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला है कि चैतन्य की दो फर्म को ‘मेसर्स सहेली ज्वैलर्स’ से पांच करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है। लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू ने भी पुष्टि की है कि ये धनराशि ‘‘शराब घोटाले से प्राप्त नकदी’’ के बदले हस्तांतरित की गई थी। इसमें कहा गया है कि इसके अलावा चैतन्य ने इस भुगतान पर कोई ब्याज भी नहीं दिया है और पांच करोड़ रुपये में से 4.5 करोड़ रुपये अभी भी चुकाए जाने हैं।
आवेदन में कहा गया है कि जांच के दौरान, यह पता चला कि शराब ‘घोटाले’ से उत्पन्न अपराध की आय का एक बड़ा हिस्सा बंसल को सौंपा जा रहा था। बंसल ने पीएमएलए की धारा 50 के तहत अपने बयान के दौरान यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने थोड़े समय (3 महीने) में 136 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त की थी, जैसा कि अनवर ढेबर और नितेश पुरोहित के बीच हुई बातचीत में चर्चा की गई थी।
आवेदन में कहा गया है कि इसके अलावा, उन्होंने (बंसल) अपने बयानों में स्वीकार किया था कि उन्होंने चैतन्य के साथ मिलकर शराब ‘घोटाले’ से उत्पन्न एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की नकदी संभाली थी, जो अपराध की आय है, जिसे उन्होंने दीपेन चावड़ा के माध्यम से अनवर ढेबर (शराब व्यवसायी) से एकत्र किया था।
चैतन्य के निर्देश पर केके श्रीवास्तव को लगभग 80-100 करोड़ रुपये नकद दिए
आवेदन में कहा गया कि उसके बाद बसल ने चैतन्य के साथ मिलकर उक्त धनराशि राम गोपाल अग्रवाल (कांग्रेस नेता) को पहुंचाई थी। इसके अलावा, उन्होंने चैतन्य के निर्देश पर केके श्रीवास्तव को लगभग 80-100 करोड़ रुपये नकद (दीपेन चावड़ा से प्राप्त उक्त धनराशि में से) दिए थे।
आवेदन में कहा गया है कि जांच में मेसर्स बघेल डेवलपर्स की ‘विट्ठल ग्रीन परियोजना’ के निर्माण में नकदी (अपराध की आय) के उपयोग का भी पता चला। इसमें कहा गया है कि ईडी ने चैतन्य से संबंधित कंपनियों के अकाउंटेंट के परिसरों की तलाशी ली और इन फर्म से संबंधित रिकॉर्ड जब्त कर लिए गए।
आवेदन के मुताबिक, परियोजना से संबंधित एक गवाह से भी पूछताछ की गई, और उसने खुलासा किया कि परियोजना की कुल लागत बहीखातों में कम दर्शाई गई थी। उसने बताया कि कुल वास्तविक लागत लगभग 13 से 15 करोड़ रुपये होगी, जबकि बहीखातों में केवल 7.14 करोड़ रुपये ही लागत दिखाई गई है।
आवेदन में कहा गया है कि चैतन्य ने अपराध की आय के वास्तविक स्रोत को अपनी परियोजना में शामिल करके छुपाया, ताकि उसे बेदाग दिखाया जा सके। आवेदन में कहा गया है कि चैतन्य को सभी विवरण प्रकट करने का अवसर दिया गया था, लेकिन वह सहयोग नहीं कर रहे थे।
केंद्रीय एजेंसी के अधिवक्ता सौरभ कुमार पांडेय के मुताबिक चैतन्य बघेल को विशेष न्यायाधीश (धन शोधन निवारण अधिनियम-पीएमएलए) की अदालत में पेश किया गया और ईडी ने उनकी पांच दिनों की हिरासत मांगी। पांडेय ने बताया कि अदालत ने चैतन्य की 22 जुलाई तक ईडी की हिरासत मंजूर कर ली।
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