Diwali Date By Shankaracharya
Sankaracharya revealed Ram Mandir Dispute : नईदिल्ली। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि बाबरी मस्जिद-राम मंदिर विवाद का निपटारा अदालत के बाहर हुआ है। शंकराचार्य ने स्पष्ट शब्दों में खुलासा किया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने विवादित जमीन पर अपने सभी दावे वापस ले लिये, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं सुनाया, उसने केवल सहमत शर्तों को पढ़ा है।
BIG REVELATION📢
Babri masjid – Ram Mandir Dispute was a OUT OF COURT SETTLEMENT
Sankaracharya revealed it in clearest words – Sunni Waqf board withdrew all its claims on the disputed land
So the Supreme Court didn't develier any judgement – it just read-out the agreed terms🤷♀️ pic.twitter.com/uc6FBvIxA8
— 𝑪𝒂𝒕𝒂𝒍𝒆𝒚𝒂🛡 (@catale7a) January 17, 2024
बता दें कि राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती लगातार हमलावर है और वे अपूर्ण मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का खुलकर विरोध कर रहे हैं। इसके पहले भी शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कई प्रकार के सवाल उठाए हैं। इसके पहले उन्होंने कहा था कि मोदी जी ने कह दिया है कि विकलांग मत कहो, दिव्यांग कहो, तो आज की तारीख में यह दिव्यांग मंदिर है। दिव्यांग मंदिर में सकलांग भगवान को, जिनके सकल(सभी) अंग हैं, उन्हें कैसे प्रतिष्ठित कर सकते हैं?”
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“पीएम मोदी तीन बार धर्मनिरपेक्षता की शपथ ले चुके हैं…इसलिए किसी धर्म कार्य में उनका सीधा अधिकार नहीं बनता।”
“अगर वे विवाहित हैं, तो पत्नी के साथ बैठना होगा। पत्नी को दूर कर कोई भी विवाहित व्यक्ति किसी भी धर्म कार्य में अधिकारी नहीं हो सकता।”
“शिखर और ध्वज के बिना मंदिर में प्रतिष्ठा की गई तो वह मूर्ति तो राम की दिखाई देगी लेकिन उसमें असुर होगा। उसमें आसुरी शक्ति आकर बैठ जाएगी।”
ऐसी तमाम बातें शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती कह चुके हैं, अब वे ये भी आरोप लगा रहे हैं कि राममंदिर का फैसला तो न्यायालय के बाहर हुआ है न्यायालय में नहीं हुआ है।
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