SarkarOnIBC24 : राम के नाम पर, सियासत अपने काम पर ! प्राण प्रतिष्ठा को लेकर छिड़ी सियासी बहस

Ayodhya Ram Mandir : राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट... देश-प्रदेश के पॉलिटिकल गलियारे पक्ष-विपक्ष कुछ इसी अंदाज में सियासी खींचतान

SarkarOnIBC24 : राम के नाम पर, सियासत अपने काम पर ! प्राण प्रतिष्ठा को लेकर छिड़ी सियासी बहस

Ayodhya Ram Mandir

Modified Date: January 17, 2024 / 11:33 pm IST
Published Date: January 17, 2024 11:33 pm IST

रायपुर : Ayodhya Ram Mandir : राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट… देश-प्रदेश के पॉलिटिकल गलियारे पक्ष-विपक्ष कुछ इसी अंदाज में सियासी खींचतान में जुटे हैं। लाख ना-ना करे लेकिन हर कोई राम नाम, मंदिर और प्राणप्रतिष्ठा समारोह को लेकर बयानों की होड़ में है। इसी बीच खबर आई कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में प्रधानमंत्री मोदी मुख्य यजमान नहीं होंगे। जिसे कांग्रेस ने फौरन लपका। प्राण-प्रतिष्ठा में स-पत्नीक बैठने का नियम बताते हुए तंज कसा और ट्रस्ट को मुख्य यजमान की भूमिका से हटाने का असल कारण बताने की मांग कर दी।

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Ayodhya Ram Mandir :  रघुनंदन के इंतजार में पलक पावड़े विछाए बैठी है अयोध्या। सरयु का पानी शुभ घड़ी के इंतजार मे चमक रहा है। इस समय दमक रहा है अयोध्या का हर एक कोना। प्रभु राम का मंदिर बनकर तैयार है। आगामी 22 जनवरी को भव्य मंदिर में श्रीराम के उदविग्रह के दर्शन होने वाले हैं। जिसकी प्रतिक्षा रामभक्तों को सदियों से है। राम लला मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा पर देश ही नहीं दुनिया भर की निगाहें टिकी हुई हैं। एक तरफ चहुंओर राममय वातावरण तो दूसरी ओर इस शुभ घड़ी पर सियासत भी चरम पर है। इसी बीच खबर आई कि 22 जनवरी की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मुख्य यजमान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं बल्कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सद्स्य डॉ अनिल मिश्र होंगे। इस पर तंज कसने में कांग्रेस ने देर ना की।

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Ayodhya Ram Mandir :  तो कांग्रेस का मानना है कि अयोध्या में भगवान राम की नहीं बल्कि राजनैतिक संकल्प की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। कांग्रेस कह रही कि शंकराचार्यों ने भी इसी बात पर आपत्ती ली लेकिन बीजेपी इस फैसले पर अड़ी रही। कांग्रेस की मांग है कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट साफ करे कि क्यों मोदी जी मुख्य जजमान की भूमिका से नहीं होंगे। कुल मिलाकर ये साफ है कि चहुंओर राममय माहौल में जहां बीजेपी ताल-ठोककर ये दावा कर रही है कि राम मंदिर पूर्ण होना उनका अपना संकल्प पूर्ति होना है। इसके लिए उनके नेताओं खून-पसीना और प्राण-जीवन तक खपा दिया। यही कांग्रेस का मूल भय भी है कि इस माहौल को बीजेपी 2024 में बड़ा मुद्दा बनाकर कैश कराएगी। ऐसे वक्त में प्रधानमंत्री का मु्ख्य यजमान ना होना कांग्रेस को हमला बोलने का अवसर दे गया है।

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