धर्मेन्द्र कुमार, महोबा। अयोध्या में प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा में अब महोबा जनपद की भी सहभागिता होने जा रही है। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में पूजा के लिए महोबा के देशावरी पान को भी शामिल किया गया है। लबों की शान महोबा का पान अब भगवान श्री राम के चरणों में अर्पित कर प्राण प्रतिष्ठा पूजा की थाल में रखा जायेगा, जिससे पान किसान चौरसिया समाज सहित जनपदवासियों में अपार खुशी देखने को मिल रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक की अगुवाई में महोबा के दो संतो द्वारा देशावरी पान अयोध्या भेजा जा रहा है। बुंदेलखंड में देवी देवताओं की पूजा अर्चना के अलावा प्रत्येक शुभ कार्य में पान की मौजूदगी रहती है, जिस पर राममंदिर न्यास द्वारा महोबा के देशावरी पान को प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शामिल किया गया।
बता दें श्री रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा में समूचे देश से अलग-अलग महत्वपूर्ण वस्तुएं अयोध्या पहुंचाई जा रही हैं। ऐसे में पूजा शुभ कार्य में पान की अहमियत से इनकार नहीं किया जा सकता, जिस पर राम मंदिर न्यास द्वारा पूजा के लिए महोबा के देशावरी पान को शामिल किया गया है। सरकार द्वारा जिओ टैग प्राप्त देशावरी पान भगवान की पूजन एवं प्रसाद में शामिल किया जा रहा है। महोबा देश और विदेश में पान की खेती के लिए जाना जाता है। खासकर यहां का देशावरी पान औषगुणों को समाहित करने के साथ-साथ पूजा कर में भी उपयोग में लाया जाता है। यही नहीं महोबा और बुंदेलखंड में हर शुभ कार्य में पान को शामिल कर ही इसकी शुरुआत की जाती है। अब महोबा का पान भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से यहां के पान किसानों में बेहद खुशी है, जिसकी जानकारी मिलने से जनपद वासी भी गदगद है।
पान किसान इसे अपना सौभाग्य मान रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक संतोष कुमार बताते हैं कि महोबा का देशावारी पान विश्व प्रसिद्ध है और प्रत्येक शुभ कार्य इस पान के बिना अधूरा माना जाता है। जिसे अयोध्या धाम प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा में महोबा से भेजा जा रहा है और यह महोबावासियों के लिए गर्व और गौरव की बात है। महोबा के दो संत जिन्हे रामलला की प्राणप्रतिष्ठा का आमंत्रण मिला है।रायकोट मंदिर के महंत देवीचरण दास और स्योडी मंदिर के महंत बालकदास जी के हाथों देशावरी पान भेजा जा रहा है। जिसके लिए न्यास के अधिकारियों से बात कर ली गई है पान के आलावा दो खेप से 70 किलो गाय का देशी घी भी हवन के लिए भेजा गया है।
विश्व हिंदू परिषद के मयंक तिवारी और बजरंग दल के विपिन भदौरिया बताते है कि हमारे जनपद को पान के लिए ही जाना जाता है और यह हम सब का सौभाग्य है कि 500 वर्षों बाद भगवान राम जब सिंहासन पर विराजमान होंगे तब उनके स्वागत सत्कार और पूजा में महोबा का पान को रखा जाएगा जिसको लेकर हम सभी खुद को गौरान्वित महसूस कर रहे हैं और यह एहसास हो रहा है कि हम सब महोबा के लोग देशावरी पान के रूप में इस ऐतिहासिक और दिव्य पूजन कार्यक्रम में शामिल है।
वहीं, पान किसान अनिल चौरसिया और श्यामबाबू चौरसिया की माने तो दिन-रात हाड तोड़ मेहनत के बाद वह पान की खेती कर पाते है, लेकिन अब उनकी यह मेहनत प्रभु के चरणों में अर्पित होने के बाद सफल होती नजर आ रही है। जब किसानों को यह पता चला कि भगवान राम के चरणों में महोबा का पान रखा जाएगा तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। किसान राम मंदिर न्यास की इस पहल की प्रशंसा और स्वागत कर रहे हैं। पान किसानों की माने तो देशावरी पान को पूजा की थाल में प्रत्येक शुभ कार्य के लिए प्रयोग में लाया जाता है। पूजा की थाल में पान बताशा उनके चरणों में अर्पित करने के लिए और पान के बीड़ा का भोग भगवान को लगाया जाता है। इसके अलावा इसकी औषधि और आयुर्वेदिक गुण के चलते कई बीमारियों से भी यह पान छुटकारा दिलाता है। महोबा का देशावरी पान खाने में करारा महकदार है जो मुंह की लालिमा बढ़ता है वही महोबा के हर घर में महिलाएं भी पूजा में से प्रयोग कर भगवान को भोग लगाती हैं।