Shani Ki Sade Sati 2025: 30 साल बाद इस राशि में लगेगी शनि की साढ़ेसाती, इन दो राशियों में शुरू होगी ढैय्या, जानें बुरे प्रभाव से बचने के उपाय

Shani Ki Sade Sati 2025: 30 साल बाद इस राशि में लगेगी शनि की साढ़ेसाती, इन दो राशियों में शुरू होगी ढैय्या, जानें बुरे प्रभाव से बचने के उपाय

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  • Publish Date - March 7, 2025 / 09:16 PM IST,
    Updated On - March 7, 2025 / 09:16 PM IST

Shani Ki Sade Sati 2025। Photo Credit: File

HIGHLIGHTS
  • 2025 से शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती झेलेगी ये राशियां
  • 30 साल बाद मेष राशि में लगेगी साढ़ेसाती
  • प्रत्येक शनिवार “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें

Shani Ki Sade Sati 2025: कर्मफल दाता और पापी देवता शनि लोगों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनि को न्यायाधीश ग्रह भी माना जाता है। होली के ठीक 15 दिन बाद 29 मार्च से शनि मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं, जिससे मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। इसी तरह 2 राशियों पर ढैय्या शुरू हो जाएगी। साथ ही 3 राशियों को साढ़ेसाती व ढैय्या से राहत भी मिलेगी। आइए जानते हैं कौनसी हैं वो लकी राशियां..

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30 साल बाद मेष राशि में लगेगी साढ़ेसाती

29 मार्च को शनि का राशि परिवर्तन होगा। शनि का यह राशि परिवर्तन कई राशियों के लिए समीकरण बदलेगा। शनि के राशि परिवर्तन करने से कई राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या बदल जाएगी। शनि की साढ़ेसाती मेष राशि पर शुरू होकर मकर राशि पर खत्म होगी। वृषभ और मकर राशियों पर शनि की ढाई साल की ढैया रहेगी, जिससे करियर, स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन में चुनौतियाँ आ सकती हैं. अगर सही उपाय अपनाए जाएँ तो शनि न केवल परेशानियाँ देता है, बल्कि मेहनत का सही फल भी दिलाता है।

कब लगती है शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती 

शनि की साढ़ेसाती तब शुरू होती है, जब शनि आपकी जन्म राशि से बारहवें, पहले और फिर दूसरे भाव में गोचर करते हैं। यह लगभग 7.5 साल तक चलती है। इस दौरान जीवन में बड़े बदलाव आते हैं। कभी-कभी यह बदलाव सकारात्मक से ज्यादा नकारात्मक होते हैं। जैसे, करियर में उतार-चढ़ाव, सेहत से जुड़ी परेशानियां और पैसों की तंगी। वहीं, जब जन्म कुंडली में जब शनि चौथे या आठवें भाव में होता है, तब ढैया लगती है। यह लगभग ढाई साल तक चलती है। इस दौरान मानसिक तनाव, सेहत की दिक्कतें और पैसों की तंगी हो सकती है। ढैया का मतलब है शनि का अशुभ प्रभाव। यह साढ़ेसाती से कम कष्टकारी मानी जाती है।

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शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से बचने के उपाय

  • शनि के प्रकोप से बचने के लिए प्रत्येक शनिवार को सरसों के तेल में अपना चेहरा देखकर उसे शनि का दान लेने वाले व्यक्ति को दान करें।  दान लेने वाला व्यक्ति न मिले तो तेल में चेहरा देखकर पीपल के वृक्ष के नीचे रख दें।
  • प्रत्येक शनिवार को पीपल वृक्ष में जल चढ़ाकर तेल का दीप जलाकर शनिदेव से अपने दोषपूर्ण कार्यों के लिए क्षमा-याचना करें।
  • प्रत्येक शनिवार हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • शनिवार को शनि की पूजा करें और काले तिल और काले वस्त्र दान करें।
  • गाय को चारा और पक्षियों को दाना डालें, यह शनि के प्रभाव को शांत करता है।
  • शनि मंत्र का जाप करें – “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।

इन बातों का रखें ध्यान

  • आर्थिक मामलों में सतर्क रहें, अनावश्यक खर्च से बचें, उधार लेने-देने में सावधानी बरतें।
  • शनि संयम और धैर्य की परीक्षा लेता है, इसलिए क्रोध पर नियंत्रण रखें।
  • नई नौकरी बदलने या बड़े निवेश से पहले अच्छी तरह सोचें।
  • परिवार और कार्यस्थल पर विवाद से बचें और धैर्य से काम लें।
  • हड्डियों, जोड़ों, त्वचा और पाचन से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं, नियमित व्यायाम करें।