Akhand Diya In Navratri 2024: नवरात्रि में क्यों जलाए जाते हैं अखंड ज्योत!, जानें क्या है इसका महत्व और ज्योत जलाने के नियम... |

Akhand Diya In Navratri 2024: नवरात्रि में क्यों जलाए जाते हैं अखंड ज्योत!, जानें क्या है इसका महत्व और ज्योत जलाने के नियम…

Akhand Diya In Navratri 2024: नवरात्रि में क्यों जलाए जाते हैं अखंड ज्योत!, जानें क्या है इसका महत्व और ज्योत जलाने के नियम...

Edited By :   Modified Date:  April 3, 2024 / 11:41 AM IST, Published Date : April 1, 2024/12:27 pm IST

Akhand Diya In Navratri 2024:  हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हो जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौं रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान भक्त माता रानी के लिए व्रत भी रखते हैं और पूजा-पाठ करके माता को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। शक्ति की देवी की आराधना का पर्व यानी नवरात्रि की शुरूआत नौ अप्रैल से शुरू होने वाला है जिसका समापन 17 अप्रैल को होगा। नवरात्र में होने वाले सप्तशती पाठ की तैयारी घर से लेकर मंदिरों में शुरू है। देश के सभी मंदिरों में नवरात्र की तैयारी चल रही है।

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अखंड ज्योत का महत्व

इसी के साथ ही बता दें कि नवरात्रि के दिनों में अखंड ज्योत प्रज्वलित करना बेहद खास और महत्वपूर्ण होता है और इसका विशेष महत्व भी होता है। मान्यता है कि अखंड ज्योति जलाने से तन-मन में मौजूद अंधकार दूर होती है। यह जीवन से भी अंधेरे को दूर करने का प्रतीक है। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा की विधिवत पूजा-उपासना करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सालभर अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखती हैं। नवरात्रि के प्रथम दिन जब अखंड ज्योति जलाई जाती है तो इसे नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक जलाए रखना होता है। लेकिन इन नौ दिनों के अंदर बुझ जाए तो बेहद अशुभ माना जाता है।

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अखंड ज्योत जलाते समय ध्यान रखें ये बातें

Akhand Diya In Navratri 2024:  माना जाता है कि मां दुर्गा के सामने अखंड ज्योति जलाने के लिए घी का इस्तेमाल करना बेहद शुभ माना जाता है। आप चाहे तो तिल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं नौ दिन पूरे होने के बाद भी अगर दीपक जलता रहे तो इस फूंक मार कर ना बुझाएं। इससे अपने आप बुझने दें। अगर अखंड ज्योति बीच में बुझ जाएं तो नई बाती लगाकर ही दीपक जलाएं। यदि अखंड ज्योति की बाती बदलनी हो तो पास में एक छोटा दिया जला लें और फिर दीपक में नई बाती और घी डालकर अखंड ज्योति प्रज्जवलित करें। इसके बाद छोटे दिया को बुझने के बाद उसे हटा लें।

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