Bhaum Pradosh Vrat 2024: इस दिन है पौष महीने का आखिरी प्रदोष व्रत, यहां देखें शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि

Bhaum Pradosh Vrat 2024: इस दिन है पौष महीने का आखिरी प्रदोष व्रत, यहां देखें शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि Pradosh Vrat 2024

Bhaum Pradosh Vrat 2024: इस दिन है पौष महीने का आखिरी प्रदोष व्रत, यहां देखें शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि

Maha Shivratri 2024

Modified Date: January 9, 2024 / 03:28 pm IST
Published Date: January 9, 2024 3:21 pm IST

Bhaum Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। वहीं, तिथि के अनुसार भी व्रत-त्योहार पड़ते हैं। बता दें कि हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस प्रकार पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 23 जनवरी को है। मंगलवार के दिन पड़ने के चलते यह भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा। बता दें कि इस दिन भोले बाबा और मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। कहा जाता है, कि इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक को जीवन में सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। अगर आप भी ये व्रत रखने जा रहे हैं तो एक बार शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जरूर जान लें

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Bhaum Pradosh Vrat 2024: शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 जनवरी को संध्याकाल 07 बजकर 51 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 23 जनवरी को संध्याकाल 08 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। अतः 23 जनवरी को प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

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पूजा विधि

  • प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठें।
  • शिव भक्तों को भौम प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करना चाहिए।
  • श्वेत रंग का वस्त्र धारण करें और व्रत संकल्प लें।
  • इसके बाद भगवान भास्कर को जल का अर्घ्य दें।
  • इसके बाद, पूजा गृह में एक चौकी पर शिव परिवार की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • पंचोपचार कर विधि-विधान से महादेव संग माता पार्वती की पूजा-अर्चना करें।
  • इस समय भगवान शिव को भांग, धतूरा, मदार के पत्ते, धतूरे के फूल, बेल पत्र आदि चीजें अर्पित करें और माता पार्वती को लाल रंग के फूल अर्पित करें।
  • अब शिव एवं पार्वती चालीसा का पाठ करें।
  • प्रसाद में भगवान शिव को फल, मिश्री और पंचमेवा का भोग लगाएं।
  • अंत में आरती कर सुख-समृद्धि और धन वृद्धि की कामना करें।
  • बता दें कि प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा करने के लिए शाम का समय सबसे अच्छा माना जाता है।

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