Home » Religion » Bhishma Panchak 2025: The festival of destruction of sins begins on November 1st; fasting will bring salvation; learn the method of worship, mantras and dates!
Bhishma Panchak 2025: 1 नवंबर से शुरू हो रहा पाप नाश का पर्व, व्रत रखने से मिलेगा मोक्ष, जानिए पूजा विधि, मंत्र और तारीखें!
कार्तिक मास में भीष्म पंचक शुरू 1 नवंबर से व्रत रखें, पाप मिटेंगे और विष्णु कृपा मिलेगी। पूजा विधि और मंत्र के साथ जानें पूरा महत्व।
Bhishma Panchak 2025: कार्तिक मास का पवित्र समय शुरू होने वाला है, और इसी के साथ आ रहा है भीष्म पंचक महाभारत के भीष्म पितामह को समर्पित ये पांच दिन पापों का नाश करने वाले माने जाते हैं। 2025 में ये पर्व 1 नवंबर से 5 नवंबर तक चलेगा, और इस दौरान व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार, ये व्रत भगवान विष्णु को भी अत्यंत प्रिय है।
भीष्म पंचक (Bhishma Panchak) क्या है?
पुराणों में वर्णित ये पंचक भीष्म पितामह के नाम पर पड़ा है। महाभारत युद्ध के बाद, जब श्रीकृष्ण पांडवों को भीष्म पितामह के शरशय्या पर ले गए, तो पितामह ने राजधर्म, मोक्षधर्म और वर्णधर्म पर पांच दिनों तक उपदेश दिए। इसके बाद भगवान कृष्ण ने घोषणा की कि ये पांच दिन सभी के लिए अत्यंत शुभ होंगे और इन्हें भीष्म पंचक कहा जाएगा। यही कारण है कि इसे विष्णु पंचक भी कहा जाता है।
भीष्म पंचक 2025 की तारीखें और समय
शुरुआत: 1 नवंबर 2025 (देवउठनी एकादशी से)
समापन: 5 नवंबर 2025 (कार्तिक पूर्णिमा तक)
इस दौरान स्नान, दान, पूजन और व्रत का विशेष महत्व है। व्रत रखने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
भीष्म पंचक का महत्व
ये पांच दिन भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए व्रत, स्नान और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार, भीष्म पंचक के व्रत से सभी प्रकार के पापों का विनाश होता है। इस समय विशेष रूप से भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण की आराधना फलदायी मानी जाती है।
पूजा विधि: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
सुबह स्नान कर पीले या सफेद वस्त्र धारण करें।
भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं।
भगवान को तुलसी पत्र, फूल और मिठाई अर्पित करें।
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करें।
पंचामृत से भगवान का अभिषेक करें।
दिन भर सात्विक भोजन ग्रहण करें।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
ये विधि हर दिन दोहराएं व्रत का फल दोगुना हो जाएगा!