Premanand Maharaj: महिलाएं हनुमान जी की पूजा कर सकती हैं या नहीं? प्रेमानंद महाराज ने खोल दी इस रहस्य की परत, जानकर रह जाएंगे हैरान!

भगवान हनुमान की पूजा को लेकर मतभेद हैं। कुछ लोग महिलाओं को पूजा से रोकते हैं, जबकि कुछ इसे स्वीकारते हैं। अपने प्रवचन में प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट किया कि महिलाओं को हनुमान जी की पूजा करने में कोई बाधा नहीं है।

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  • Publish Date - November 14, 2025 / 04:55 PM IST,
    Updated On - November 14, 2025 / 05:21 PM IST

(Premanand Maharaj, Image Source: Instagram)

HIGHLIGHTS
  • प्रेमानंद महाराज: महिलाएं हनुमान जी की पूजा कर सकती हैं।
  • मूर्ति को छूना जरूरी नहीं, भाव से पूजा करें।
  • हनुमान चालीसा, नाम जप और भोग अर्पित करना मुख्य उपाय।

Premanand Maharaj: हिंदू धर्म में भगवान हनुमान की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। उन्हें शक्ति, बल और भक्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है और ग्यारवें रुद्र अवतार के रूप में पूजनीय कहा जाता है। हालांकि, महिलाओं द्वारा हनुमान जी की मूर्ति या पूजा करने को लेकर समाज में दो राय है। कुछ लोग मानते हैं कि महिलाओं को मूर्ति या पूजा सामग्री छूने की अनुमति नहीं है, जबकि अन्य इसे पूरी तरह स्वीकार करते हैं।

प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा?

वृंदावन के जाने-माने संत प्रेमानंद महाराज ने इस विषय पर अपने प्रवचन में स्पष्ट कहा कि भगवान हनुमान स्वयं शंकर हैं। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, हम सब भगवान के बच्चे हैं, चाहे पुरुष हों या स्त्री। इसलिए महिलाओं को हनुमान जी की पूजा करने से कोई रोक नहीं है। उन्होंने बताया कि निषेध करने वाले लोग केवल हनुमान जी के ब्रह्मचारी स्वरूप को लेकर यह धारणा रखते हैं, जबकि हनुमान जी कोई साधारण मनुष्य नहीं बल्कि परम देवता हैं।

ऐसे करें भगवान की पूजा

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि भले ही मूर्ति को सीधे हाथ से छूने का कोई प्रमाण नहीं मिलता, लेकिन भाव से पूजा करना संभव है। इसके लिए हनुमान चालीसा का पाठ, नाम का जप और भोग अर्पित करना मुख्य उपाय हैं। घर में हनुमान जी की स्थापना होने पर रसोई बनाकर सुंदर भोग तैयार करना और आरती करना महिलाओं के लिए उपयुक्त तरीका है। उनकी जो अन्य सेवा है उसके लिए हम कुछ नहीं कह सकते हैं। उनका एक परम ब्रह्मचारी वाला स्वरूप है। हनुमान जी सबके हैं। तो ये शरीर धर्म की मर्यादा है और इसके अंतर्गत ही सब आता है। वंदनवार चढ़ाना आदि हमने कहीं नहीं पढ़ा है कि माता-बहनें चढ़ाएं।

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क्या महिलाएं भगवान हनुमान की पूजा कर सकती हैं?

हाँ, प्रेमानंद महाराज के अनुसार महिलाएं भाव से हनुमान जी की पूजा और भोग अर्पित कर सकती हैं।

क्या महिलाएं हनुमान जी की मूर्ति को छू सकती हैं?

प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है कि मूर्ति को छूना आवश्यक है, इसलिए भाव से पूजा करना पर्याप्त माना जाता है।

पूजा का सही तरीका क्या है?

हनुमान चालीसा का पाठ, नाम का जप, भोग अर्पित करना और आरती करना प्रमुख उपाय हैं।

क्या वंदनवार चढ़ाना महिलाओं के लिए मना है?

प्रमाण नहीं मिला है कि महिलाएं वंदनवार चढ़ा सकती हैं, इसलिए इसे अनिवार्य नहीं माना जाता।