Chandra Grahan 2023 : भारत के अलावा इन देशों में भी दिखेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, क्या है ग्रहण का सही समय? जानें कब से लगेगा सूतककाल..
Chandra Grahan 2023: धर्म में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के समय को शुभ एवं मांगलिक कामों के लिए अशुभ माना गया है।
Today is Chandra Grahan Sutakkal Ka Time
नई दिल्ली : Chandra Grahan 2023 : चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाएं हैं लेकिन हिंदू धर्म और ज्योतिष में भी इन्हें बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। बल्कि धर्म में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के समय को शुभ एवं मांगलिक कामों के लिए अशुभ माना गया है। इसी वजह से सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान ना तो पूजा-अनुष्ठान किए जाते हैं, ना ही मंदिरों के पट खोले जाते हैं। कई ऐसे काम हैं जिन्हें ग्रहण के दौरान करना वर्जित बताया गया है। हाल ही में 14 अक्टूबर को साल का सूर्य ग्रहण लगा था और अब इसके ठीक 15 दिन बाद 28 अक्टूबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण भारत में नजर आएगा। बता दें कि इसी दिन शरद पूर्णिमा भी है।
जानें कब से शुरू होगा सूतककाल
Chandra Grahan 2023 : शरद पूर्णिमा की रात को लग रहा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण बेहद खास है क्योंकि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है। साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि में रहेगा। साल का अंतिम चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर, शनिवार की रात की देर रात 1 बजकर 5 मिनट से लेकर 2 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। यानी यह ग्रहण 1 घंटा 18 मिनट का रहेगा। इस दौरान पूरे भारत में चंद्रमा उदय हो जाएगा और यह ग्रहण नजर आएगा। चूंकि चंद्र ग्रहण हमारे देश में नजर आएगा इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा। चंद्र ग्रहण का सूतक भारतीय समयअनुसार शाम 4 बजकर 5 मिनट पर आरंभ हो जाएगा।
भारत के अलावा इन देशों में भी दिखेगा चंद्र ग्रहण
शनिवार की रात में लगने वाला चंद्रग्रहण इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है और आखिरी ग्रहण है। इस ग्रहण को भारत के अलावा यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका, उत्तर व पूर्व दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, हिन्द महासागर और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।
चंद्र ग्रहण में रहे सावधान
सूतक काल में पूजा-पाठ करने की मनाही होती है, हालांकि मानसिक जाप कर सकते हैं। वहीं इस समय में प्रेगनेंट महिलाओं को कैंची, चाकू, मशीन, सुई वगैरह किसी भी तरह की नुकीली चीजों के इस्तेमाल पर पाबंदी होती है। सूतक काल शुरू होने से ग्रहण काल खत्म होने तक खाना बनाने और खाने के लिए मना किया जाता है। हालांकि बुजुर्ग और प्रेगनेंट महिलाओं पर खाने पीने को लेकर कोई मनाही नहीं होती। सूतक काल में खानपान की चीजों में तुलसी का पत्ता डालने की सलाह दी जाती है।

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