Chhath Puja 2025/ image source: IBC24
Chhath Puja 2025: आज यानी 26 अक्टूबर 2025 को छठ पूजा का दूसरा दिन है और इसे खरना के रूप में मनाया जा रहा है। इस दिन व्रती सूर्य देव और छठी मैया की पूजा कर 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ करते हैं। सनातन धर्म में खरना का विशेष महत्व है, क्योंकि यही दिन निर्जला व्रत की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन व्रती विशेष नियमों का पालन करते हैं और पूजा सामग्री तथा प्रसाद का ध्यान रखते हुए सूर्य देव और छठी मैया से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पंचांग के अनुसार आज कई शुभ-अशुभ योग बन रहे हैं, जो पूजा और व्रत की सफलता को प्रभावित कर सकते हैं।
सूर्योदय: 6:29 AM
सूर्यास्त: 5:41 PM
व्रती सूर्यास्त के बाद ही खरना पूजा कर प्रसाद ग्रहण करते हैं और निर्जला व्रत की शुरुआत करते हैं। यह समय शुभ मुहूर्त माना जाता है और इस समय पूजा करने से सूर्य देव और छठी मैया का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Chhath Puja 2025: माना जाता है कि, खरना पूजा व्रती को मानसिक और शारीरिक रूप से शुद्ध करती है। गुड़-चावल की खीर, केले और रोटी/पूड़ी का सेवन करने से व्रती का शरीर व्रत के लिए तैयार होता है। यह दिन परिवार और समाज में धार्मिक एकता का प्रतीक भी माना जाता है। इस प्रकार, छठ पूजा का दूसरा दिन यानी खरना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह व्रती के जीवन में संयम, श्रद्धा और आध्यात्मिक लाभ भी लाता है।
Chhath Puja 2025: खरना छठ पूजा का दूसरा दिन है और इसे विशेष विधि से मनाया जाता है। इस दिन सूर्यास्त के बाद व्रती गुड़-चावल की खीर, गेहूं की रोटी या पूड़ी और केले को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। यह प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर तैयार किया जाता है, जिससे पारंपरिक विधि का पालन सुनिश्चित होता है। वहीं, इस दिन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं। व्रत के दौरान किसी भी प्रकार का भोजन या जल ग्रहण नहीं किया जाता और सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। यह व्रत स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति के लिए किया जाता है।
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