Chor Panchak 2025 / Image Source: IBC24
Chor Panchak 2025: हिंदू ज्योतिष में पंचक को सामान्यतः अशुभ माना जाता है साथ ही एक रहस्यमयी और सतर्कता भरा काल माना जाता है। यह पांच दिनों की अवधि होती है जब चंद्रमा आकाश में कुंभ-मीन राशि के अंतिम पांच नक्षत्रों—धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में विचरण करता है, तो पृथ्वी पर अशुभ ऊर्जाएं सक्रिय हो जाती हैं।
इनमें से ‘चोर पंचक’ सबसे भयावह है, जो पूर्वा भाद्रपद से प्रारंभ होता है। ‘चोर’ का अर्थ है चोर या हरण। यह धन, संपत्ति और मान-सम्मान की चोरी का संकेत देता है। 2025 में, (31 अक्टूबर से 4 नवंबर तक) यह 31 अक्टूबर से सुबह 6:42 बजे से शुरू हो चूका है जो कि 4 नवंबर, मंगलवार दोपहर 12:34 बजे तक रहेगा।
चोर पंचक, पंचक योग का एक प्रकार है, यह हिंदू ज्योतिष में, तब लगता है जब चंद्रमा पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र से पंचक योग की शुरुआत करता है और यह रेवती नक्षत्र तक चलता है, जो लगभग 5 दिनों की अवधि होती है। यह हर महीने नहीं, बल्कि विशेष चंद्र गोचर के आधार पर लगता है। ‘चोर’ शब्द धन हानि, चोरी या आर्थिक नुकसान की ओर इशारा करता है।
चोर पंचक को सबसे अशुभ एवं भयानक माना जाता है क्योंकि यह गुरु (बृहस्पति) प्रभावित नक्षत्र से शुरू होता है, जो धन और संपदा का कारक है। इस दौरान ग्रहों की स्थिति मन को अस्थिर करती है, जिससे गलत निर्णय लिए जाते हैं। पुराणों में इसे ‘राक्षसी काल’ कहा गया है, जहां नकारात्मक शक्तियां सक्रिय होती हैं। यदि इस काल में जन्म होता है, तो बच्चे के जीवन में आर्थिक संघर्ष, परिवार में चोरी या हानि का योग बन सकता है। हालांकि, कुंडली के अन्य मजबूत योग इसे कमजोर कर सकते हैं।
चोर पंचक या सामान्य पंचक में जन्मा बच्चा ज्योतिष में अशुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, ऐसा बच्चा परिवार में नकारात्मक ऊर्जा ला सकता है, जैसे आर्थिक हानि, स्वास्थ्य समस्या या चोरी जैसी घटनाएं। ज्योतिष के अनुसार, पंचक में जन्म लेने वाले बच्चे को जीवन में कई संघर्षों और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन कुछ ज्योतिषियों का यह भी मानना है कि यह बच्चा मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत होता है। इसके अलावा, ऐसी मान्यता है कि पंचक में जन्म लेने से परिवार में अन्य नकारात्मक प्रभाव भी आ सकते हैं, जिन्हें दूर करने के लिए जन्म के तुरंत बाद उपाय करने से दोष कम हो जाता है।