December Pradosh Vrat 2025: साल 2025 के अंतिम दिसंबर महीनें में कब-कब मनाया जायेगा प्रदोष व्रत? जान लें प्रदोष व्रत की तिथियां और शुभ मुहूर्त!

हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है जो भगवान शिव की असीम कृपा को आमंत्रित करता है। यह व्रत प्रत्येक माह में दो बार, कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी को मनाया जाता है। आईये जानतें हैं दिसंबर 2025 में प्रदोष व्रत किन- किन तिथियों को मनाया जाएगा तथा पूजा के शुभ मुहूर्त..

December Pradosh Vrat 2025: साल 2025 के अंतिम दिसंबर महीनें में कब-कब मनाया जायेगा प्रदोष व्रत? जान लें प्रदोष व्रत की तिथियां और शुभ मुहूर्त!

December Pradosh Vrat 2025/Image Source: IBC24

Modified Date: December 3, 2025 / 11:42 am IST
Published Date: December 2, 2025 6:53 pm IST
HIGHLIGHTS
  • December प्रदोष व्रत 2025 : “त्रिपुष्कर योग में भौम प्रदोष का ऐसा संयोग 12 साल बाद आया है”।
  • शिव की कृपा: दिसंबर में प्रदोष व्रत की तिथियां और पूजा विधि !

December Pradosh Vrat 2025: “प्रदोष व्रत” हिन्दू परम्पराओं में एक ऐसा व्रत है जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। “प्रदोष” शब्द का अर्थ है “संध्या का प्रारम्भ”। यह व्रत प्रत्येक माह में दो बार, कृष्णा और शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी को मनाया जाता है। “प्रदोष काल” (सूर्यास्त के बाद का समय) भगवान् शिव की पूजा अर्चना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। आपको बता दें कि प्रदोष व्रत सप्ताह में जिस भी दिन पड़ता है उसी दिन के नाम से प्रदोष व्रत होता है जैसे: यदि प्रदोष व्रत सोमवार की दिन पड़ा तो “सोम प्रदोष व्रत”, यदि मंगलवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ा तो “भौम प्रदोष व्रत”। आइये जानते हैं साल 2025, दिसंबर माह में कब-कब आएगा प्रदोष व्रत, तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त!

December Pradosh Vrat 2025: दिसंबर 2025 कब-कब आएगा प्रदोष व्रत?

पहला प्रदोष व्रत

भौम प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष त्रयोदशी)

साल 2025 में, 2 दिसंबर मंगलवार यानि की आज “भौम प्रदोष व्रत” है। आज मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है।

त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ: 2 दिसंबर, दोपहर 3:57 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 3 दिसंबर, दोपहर 12: 25 बजे

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शुभ मुहूर्त (प्रदोष काल)
प्रदोष पूजा मुहूर्त: आज 2 दिसंबर, शाम 5:24 बजे से 8:07 बजे तक

पूजा विधि
प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का समय) में शिवलिंग पर दूध, दहीं, शहद एवं घी से अभिषेक करें।
तत्पश्चात धतूरा तथा बिल्व पत्र अर्पित करें और महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण करें। कथा पढ़ें और व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी समाप्ति के बाद करें।

महत्त्व: मंगलवार के दिन प्रदोष होना, मंगल दोष निवारण तथा धन प्राप्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

दूसरा प्रदोष व्रत

बुध प्रदोष व्रत (कृष्णा पक्ष त्रयोदशी)

वर्ष 2025 में, दिसंबर माह का दूसरा प्रदोष 17 दिसंबर बुधवार को मनाया जायेगा। यह प्रदोष बुधवार के दिन पड़ने से “बुध प्रदोष व्रत” कहलाता है। बुधवार विशेष रूप से गणेश जी को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा के साथ, गणेश जी की भी पूजा करें। बुधवार के दिन प्रदोष व्रत नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करता है।

त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ: 16 दिसंबर, रात 11:57 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 18 दिसंबर, सुबह 2: 32 बजे

शुभ मुहूर्त (प्रदोष काल)
प्रदोष पूजा मुहूर्त: 17 दिसंबर, शाम 5:27 बजे से 8:11 बजे तक।

Disclaimer:- उपरोक्त लेख में उल्लेखित सभी जानकारियाँ प्रचलित मान्यताओं और धर्म ग्रंथों पर आधारित है। IBC24.in लेख में उल्लेखित किसी भी जानकारी की प्रामाणिकता का दावा नहीं करता है। हमारा उद्देश्य केवल सूचना पँहुचाना है।

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लेखक के बारे में

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