Diwali 2025 Date: 20 या 21 अक्टूबर किस दिन मनाई जाएगी दिवाली? विद्वानों की राय, सही तिथि और शुभ मुहूर्त यहां देखें

Diwali 2025 Date: रोशनी के इस त्योहार का इंतजार हर किसी को बेसब्री से रहता है, लेकिन, इस बार लोगों में दिवाली की तारीख को लेकर भारी संशय बना हुआ है। कोई कह रहा है दीपावली 20 अक्टूबर को है तो कुछ लोग 21 अक्टूबर को दिवाली मनाने जा रहे हैं।

Diwali 2025 Date: 20 या 21 अक्टूबर किस दिन मनाई जाएगी दिवाली? विद्वानों की राय, सही तिथि और शुभ मुहूर्त यहां देखें

Diwali 2025 Date

Modified Date: October 18, 2025 / 06:20 pm IST
Published Date: October 18, 2025 6:20 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 20 अक्टूबर को दीपावली मनाने के तर्क
  • अपने आस पास के पंडितों से पूछकर मनाएं दिवाली
  • दिवाली के दिन मां लक्ष्मी-गणेश जी के पूजन का मुहूर्त

नई दिल्ली, Diwali 2025 Date: दीपावली का त्योहार देशभर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पांच दिवसीय दिवाली की शुरूआत हिंदू धर्म में दीपावली के पर्व का बड़ा ही विशेष महत्व है। रोशनी के इस त्योहार का इंतजार हर किसी को बेसब्री से रहता है, लेकिन, इस बार लोगों में दिवाली की तारीख को लेकर भारी संशय बना हुआ है। कोई कह रहा है दीपावली 20 अक्टूबर को है तो कुछ लोग 21 अक्टूबर को दिवाली मनाने जा रहे हैं।

इन दिनों देखा जा रहा है कि सही तिथियों को लेकर किसी ना किसी कारण से लोगों में मतभेद और कंफ्यूजन बना रहता है। इस बार भी कुछ सवाल उठ रहे हैं। दिवाली की सही तिथि या डेट क्या होगी? दिवाली के दिन मां लक्ष्मी-गणेश जी के पूजन का मुहूर्त क्या रहेगा? और दिवाली की पूजन विधि क्या होगी?

दिवाली 2025 तिथि (Diwali 2025 Tithi)

आपको बता दें कि पंचांग के अनुसार, दिवाली हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस बार कार्तिक अमावस्या की तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 21 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 54 मिनट पर होगा।

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20 अक्टूबर या 21 अक्टूबर, कब मनाई जाएगी दिवाली?

इस बार दिवाली की तिथि को लेकर कई बड़े ज्योतिषियों और पंडितों के बीच में बहस जारी है। जिसमें से कुछ कह रहे हैं कि इस साल दिवाली 21 अक्टूबर को मनाई जानी चाहिए, क्योंकि, इस बार अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर से शुरू होकर 21 अक्टूबर को तीन प्रहर से अधिक समय तक रहेगी। इसी कारण 21 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन करना शुभ होगा।

वहीं, कुछ लोगों के अनुसार, 20 अक्टूबर को प्रदोष व्यापिनी अमावस्या का आरंभ होगा, जो कि शाम 3 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी। यदि सायं काल में प्रतिपदा तिथि आरंभ होती है तो उस बीच पंच दिवसीय दीपावली का पर्व नहीं मनाना चाहिए, यानी प्रतिपदा में दीपावली का कोई महत्व नहीं होता है। इसलिए, अगर आप 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 55 मिनट पर दिवाली का पूजन करेंगे, तो उसमें दोष उत्पन्न हो सकते हैं, इसी कारण 20 अक्टूबर को ही दिवाली मनाना शुभ रहेगा।

20 अक्टूबर को दीपावली मनाने के तर्क

कुछ विद्वानों के अनुसार जिन शहरों में सूर्यास्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से पहले होगा, उन शहरों में 21 अक्टूबर को दिवाली मनाई जा सकती है। लेकिन, जिन शहरों में सूर्यास्त शाम 5 बजकर 30 मिनट के बाद होगा उनमें 20 अक्टूबर को ही दिवाली मनाना उचित होगा। साथ ही, प्रदोष काल व्यापिनी तिथि हमें 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है। इसलिए, 20 अक्टूबर को ही पूरे देश में दिवाली मनाना उचित माना जा रहा है। इस दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक मिनट तक रहेगा।

वहीं कुछ पंडितों के मुताबिक, 20 अक्टूबर को ही दिवाली मनाना उचित रहेगा, क्योंकि, 20 तारीख की रात को मां लक्ष्मी की पूजा का बहुत ही अच्छा योग बन रहा है। लेकिन, 21 तारीख को वह योग नहीं बन रहा है जिसमें मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना की जाए। 20 अक्टूबर को महालक्ष्मी का पूजन और दिवाली से जुड़े सभी कार्य किए जाएंगे।

अपने आस पास के पंडितों से पूछकर मनाएं दिवाली

वहीं कुछ पंडितों के मुताबिक, दिवाली पंचांग देखकर, प्रदोष काल का समय देखकर और अपने आसपास पंडितों की सलाह के अनुसार ही मनाएं। अंग्रेजी पंचांग के अनुसार एकदम दिवाली का त्योहार न मनाएंं। इसलिए, अगर प्रदोष काल के अनुसार देखा जाए तो इस बार 20 अक्टूबर को ही दिवाली मनाना सही होगा। यानी, ज्यादातर पंडितों के मुताबिक, 20 अक्टूबर को ही दिवाली मनाना ज्यादा शुभ रहेगा।

दिवाली का शुभ मुहूर्त (Diwali 2025 Shubh Muhurat)

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस साल 20 अक्टूबर को ही दिवाली मनाई जाएगी। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 21 अक्टूबर की रात 9 बजकर 03 मिनट पर होगा।

दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश पूजन का सबसे शुभ समय शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इस अवधि को प्रदोष काल और स्थिर लग्न का संयोग कहा गया है, जो मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जा रहा है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com