Margashirsha Maas 2023: मार्गशीर्ष मास की इन तिथियों में ना करें कोई भी शुभ काम, छोटी सी भूल चूक से हो जाएगा धन का नाश…

Margashirsha Guruvar vrat: 28 नवंबर 2023 से मार्गशीर्ष का माह शुरू हो रहा है। इस मार्गशीर्ष महीने को सभी महीनों में सर्वश्रेष्‍ठ माना गया है...

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  • Publish Date - November 27, 2023 / 02:20 PM IST,
    Updated On - November 27, 2023 / 02:20 PM IST

Margashirsha Guruvar vrat: कल 28 नवंबर 2023 से मार्गशीर्ष का माह शुरू हो रहा है। इस मार्गशीर्ष महीने को सभी महीनों में सर्वश्रेष्‍ठ माना गया है क्योंकि ये महीना भगवान श्रीकृष्‍ण के प्रिय माने जाते हैं। मार्गशीर्ष महीने को लेकर गीता में कृष्ण ने कहा गया है कि महीनों में मार्गशीर्ष और ऋतुओं में बसंत मैं ही हूं। देखा जाए तो वैदिक काल से ही इस माह का विशेष महत्व रहा है। मार्गशीर्ष महीने में भगवान कृष्ण की उपासना और पूजा-पाठ करने से सुख, समृद्धि और सफलता मिलती है। यह माह इतना विशेष होता है कि थोड़ी सी भी भूल चूक आपके लिए भारी पड़ सकता है। चलिए आपको बताते हैं कि इस मार्गशीर्ष माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं?

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आपको बता दें कि इस महीने में कुछ ऐसे काम हैं जो भूलकर भी नहीं करना चाहिए, वरना सेहत के साथ धन और दांपत्य जीवन में बुरे परिणाम झेलने पड़ते हैं। मार्गशीर्ष माह में धनु संक्रांति मनाई जाती है, इस दिन से एक माह के लिए खरमास लग जाते हैं। ऐसे में भूलकर भी इसमें मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश न करें। इससे दांपत्य जीवन में परेशानियां आने लगती हैं इसके साथ ही धन की हानि होती है।

मार्गशीर्ष का माह का विशेष महत्व

गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि मार्गशीर्ष मास मुझे हमेशा से बेहद प्रिय है, जो मनुष्य मार्गशीर्ष महीने में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान और ध्यान करता है, उसे मैं अपने आपको भी उसे समर्पित कर देता हूं। इस तरह भगवान कृष्‍ण को प्रसन्‍न करने के लिए मार्गशीर्ष महीना सर्वश्रेष्‍ठ होता है। ज्योतिष विशेषज्ञों की माने तो चन्द्र माहों की श्रेणी में मार्गशीर्ष माह नवें स्थान पर आता है। इस माह में भगवान विष्णु एवं उनके शंख की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इस माह के दौरान पूजा-पाठ और स्नान-दान का भी उल्लेख मिलता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा और संक्रांति के दौरान किया गया दान व्यक्ति को जीवन में सुख प्रदान करने वाला होता है। व्यक्ति के पुण्य कर्मों में वृद्धि होती है और पापों का नाश होता है।

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शुभ कार्य करना माना जाता है अशुभ

Margashirsha Guruvar vrat

  • मार्गशीर्ष महीने की कुछ विशेष तिथियों को लेकर नियम बताए गए हैं, जिनका पालन जरूर करना चाहिए।
  • अगहन मास में कुछ विशेष तिथियां हैं जिसमें कुछ कार्य करने के मनाही है।
  • मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाली सप्तमी और अष्टमी तिथि को मास शून्य तिथियां कहा गया है। इस दिन कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
  • यदि उपरोक्त दो तिथियों पर कोई भी शुभ कार्य किया जाता है तो इससे धन और वंश दोनों की हानि हो सकती है।
  • इसके अलावा सप्तमी और अष्टमी तिथि पर कोई मांगलिक कार्य किया जाता है तो सम्मान समाप्त हो जाता है और व्यक्ति के जीवन में निर्धनता आ जाती है।
  • मार्गशीर्ष के महीने में जीरे का सेवन वर्जित माना जाता है। इस महीने तामसिक भोजन या मांसाहार भोजन से दूर रहें।

 

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