Sawan Shivratri tips in hindi : नई दिल्ली। इस दिन विधि-विधान से शिव जी की पूजा की जाती है। सनातन धर्म में श्रावण मास की महिमा का वर्णन किया गया है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों पर महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं और उन्हें उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। शिव जी की कृपा जी लोगों पर होती है, उनके जीवन में कभी भी सुख समृद्धि की कमी नहीं होती।
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सावन शिवरात्रि में व्रत में कुछ ऐसे कार्य है जो गलती से भी नहीं करने चाहिए। सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव पर जल चढ़ाने और खानपान संबंधी कुछ विशेष नियम है। कल 26 जुलाई को सावन शिवरात्रि पड़ने वाली है। सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा करना मंगलमय है।
आइए जानते हैं क्या हैं इन व्रत से जुड़े नियम-
सावन शिवरात्रि पर इस सामग्री से करें पूजा
Sawan Shivratri fasting: सावन शिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए इन सामग्रियों का इस्तेमाल करना चाहिए। पुष्प, पांच फल, पांच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली, जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।
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सावन शिवरात्रि व्रत नियम
Sawan Shivratri fasting: -सावन शिवरात्रि का व्रत रखने वाले जातक को ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए पूरे दिन फलाहार व्रत रखना चाहिए। किसी भी प्रकार के नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
-अगर आप व्रत नहीं हैं तब भी गेहूं, चावल, बेसन एवं मैदा आदि से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
-धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्यक्ति को सावन शिवरात्रि में सात्विक भोजन करना चाहिए। प्याज, लहसुन आदि नहीं खाना चाहिए।
-सावन शिवरात्रि में मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
-व्रती व्यक्ति को दिन में नहीं सोना चाहिए, वरना व्रत का सफल नहीं मिलता।
-व्रती व्यक्ति को किसी से भी अपशब्द, विवाद आदि नहीं करना चाहिए।
-इस व्रत का एक विशेष नियम यह भी है कि विशेष परिस्थितियों में सावन शिवरात्रि की रात 01.15 बजे के बाद समय पारण कर सकते हैं।
-सामान्य परिस्थितियों में व्रती को सूर्यास्त के बाद दो घंटे के भीतर पारण करना चाहिए।
-सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की अराधना ज्यादा से ज्यादा करनी चाहिए।
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