Shardiya Navratri Maha Ashtami: शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी आज, भूलकर भी ना करें ये गलती, वरना हो सकता है भारी नुकसान…
Worship of Maa Mahagauri in Maha Ashtami of Navratri नवरात्रि पर देवी दुर्गा के नौ रूपों की विशेष आराधना की जाती है। इन नौ दिनों में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है
Maha Ashtami of Navratri
Maha Ashtami of Navratri: नवरात्रि पर देवी दुर्गा के नौ रूपों की विशेष आराधना की जाती है। इन नौ दिनों में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है, इसे दु्र्गाष्टमी भी कहा जाता है। अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के अवसर पर आने वाली दुर्गा अष्टमी को महा अष्टमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन मां के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा होती है। अष्टमी तिथि पर 2 से 10 साल की उम्र की नौ कन्याओं की पूजा,भोजन और उपहार देते हुए दुर्गा मां की पूजा की जाती है। मान्यता है 2 से 10 साल की उम्र तक की कन्याओं में मां दुर्गा का वास होता है।
दुर्गा अष्टमी का महत्व
– इस तिथि पर नवरात्रि पर देवी दु्र्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है।
– महाष्टमी पर कन्या पूजन की जाती है जहां पर 02 से लेकल 10 साल की आयु की कन्यायों के पैर धोकर उनकी आरती करते हुए भोजन कराया जाता है।
– अष्टमी तिथि मां दु्र्गा की तिथि माना गई है। इस तिथि पर मां दुर्गा की पूजा और कन्या पूजन करने पर मां जल्दी प्रसन्न होती हैं।
– दुर्गा अष्टमी पर मां दु्र्गा के बड़े-बड़े पंडालों में दु्र्गा मां की विशेष आराधना की जाती है।
– इस तिथि पर हवन भी किया जाता है। मान्यता है हवन करने से वातावरण और घर के आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जाएं समाप्त हो जाती है।
मंत्र
श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
भूलकर भी न करें ये गलतियां…
जैसे कि आपको पता है महाअष्टमी को मां महागौरी और महानवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा करने का विधान है आप पूजा के बिना व्रत का पारण न करें।
इस दिन अपने घर के ईशान कोण में पूजा-पाठ करें. इसके साथ ही पूजा के वक्त ईशान, पूर्व या उत्तर दिशा में आपका मुंह होना चाहिए। इस दिशा को छोड़कर आप अन्य किसी भी दिशा में मुंह करके पूजा करने से बचें।
Maha Ashtami of Navratri
- महाअष्टमी और महानवमी के दिन मां की उपासना करेत वक्त आप खंडित अक्षत यानी कि टूटा हुआ चावल के दाने या फिर किसी भी खंडित मूर्ति की पूजा बिल्कुल न करें। अगर आप ऐसा करते है तो आपको आपके व्रत का फल नहीं मिल पाएगा इसलिए इसपर विशेष ध्यान दें।
- अपने घरों में इस दिन आपर प्याज, लहसुन, शराब या फिर मांसाहार का प्रयोग बिल्कुल भी न करें। इसके अलावे व्रत पूजन न करने वाले भी इस नियम का इस दिन सख्ती से पालन करें।
- आप महाअष्टमी और महानवमी के दिन किसी भी गरीब, निर्धन या असहाय व्यक्ति का अपमान न करें। इसके साथ ही कन्याओं को अपशब्द बोलने या फिर उनपर क्रोध करने से बचें रहें।
- आप इस दिन काले कपड़े का धारण करने से बचें। काले कपड़े या वस्त्र धराण करके आप देवी मां की उपासना बिल्कुल भी न करें। इस दिन मां की उपासना/पूजा के लिए आप पीले या फिर लाल रंग के वस्त्र का धारण कर सकते हैं। यह रंग शुभ होता है।

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