नई दिल्ली। Rishi Panchami Ke Upay : ऋषिपंचमी का त्यौहार हिन्दू पंचांग के भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष पंचमी को मनाया जाता है। यह त्यौहार गणेश चतुर्थी के अगले दिन होता है। इस त्यौहार में सप्त ऋषियों के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त किया जाता है। सुहागिन महिलाएं हर साल सप्तऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विधि-विधान से पूजा करती है। ऐसी मान्यता है कि ऋषि पंचमी का व्रत को करने से विवाहित महिलाओं को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा वैवाहिक जीवन खुशहाली से भर जाता है।
Rishi Panchami Ke Upay : ऋषि पंचमी के दिन सप्त ऋषियों कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, वशिष्ठ, गौतम, जमदग्नि, और विश्वामित्र की पूजा की जाती है। ये सात ऋषि ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अंश माने जाते हैं। ये ही वेदों और धर्मशास्त्रों के रचयिता हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति आती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 7 सितंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगी और 8 सितंबर को शाम 07 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के चलते ऋषि पंचमी का व्रत 8 सितंबर यानी आज रखा जाएगा।
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गंगा स्नान: ऋषि पंचमी के दिन गंगा नदी में स्नान करें। यदि गंगा नदी दूर हो तो किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान कर सकते हैं।
दान: गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें, विशेषकर ब्राह्मणों को अवश्य दान करें।
पूजा: सप्त ऋषियों की पूजा करें और आप उनकी मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जला सकते हैं, धूप दे सकते हैं और फूल चढ़ा सकते हैं।
मंत्र जाप: “ॐ सप्तऋषये नमः” मंत्र का जाप करें।
रात को जागरण: रात को जागरण करें और भजन-कीर्तन करें।
पीपल के पेड़ की पूजा: पीपल के पेड़ की पूजा करें और इसके चारों ओर दीपक जलाएं।
गाय को चारा खिलाएं: गाय को चारा खिलाएं।
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