तीन दिशाओं में स्थित देवियां बनाती है शक्ति कोण, हर शक्तिपीठ दूसरे से 60 किलोमीटर की दूरी पर है स्थित, यहां किया तप नहीं जाता निष्फल

तीन दिशाओं में स्थित देवियां बनाती है शक्ति कोण, हर शक्तिपीठ दूसरे से 60 किलोमीटर की दूरी पर है स्थित, यहां किया तप नहीं जाता निष्फल

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  • Publish Date - July 16, 2020 / 10:03 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:08 PM IST

पन्ना। कलेही शक्ति धाम की ख्याति प्रदेश ही नहीं पूरे देश में है। इस मंदिर की खासियत जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे। मैहर की शारदा माता मंदिर और पन्ना की मां पदमावती देवी मंदिर और कलेही शक्तिधाम आपस में विशेष कोण बनाते हैं। इस मंदिर से प्रदेश के तीनों शक्ति पीठों की आपस में दूरी एक बराबर है। लोक मान्यताओं के अनुसार मां शारदा (मैहर), मां पद्मावती (पन्ना) एवं मां कलेही (पवई) की प्रतिमाएं हवा में 90 अंश का कोण बनाती है, तथा हवा में भी इन सभी मंदिरों की आपस में दूरियां लगभग साठ किमी है।

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पन्ना से पबई की दूरी लगभग 60 किलोमीटर और पबई से मैहर की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है। ये तीनों देवियां समान दूरी में स्थापित होकर विशेष कोण बनाती हैं। ऐसी मान्यता हैं कि ऋषि मुनि पुरातन काल में इसी शक्ति कोण में तपस्या करते थे। जानकारों की माने तो ये कोण सिद्धियां प्राप्त करने के लिए सहायक हैं। श्रीराम ने सतयुग में अगस्त मुनि के आश्रम में आकर इसी कोण में स्थित विशेष स्थान पर तपस्या की थी। इसी तपस्य़ा के मिले फल से श्री राम ने लंकापति रावण का संहार कर दिया था।

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इस मंदिर के प्रांगण में खोखो माता की प्राचीन प्रतिमा भी है, जो पाषाण से बनी है। प्रतिमा के हाथों में बच्चे हैं। ऐसी मान्यता है कि निसंतान यहां संतान प्राप्ति का वरदान मांगे तो उनकी झोली बच्चों से जरूर भरती है। माता को प्रसन्न करने के लिए गुड़ और खरी का भोग लगाया जाता है। मंदिर एक है पर मान्यताएं अलग अलग हैं। पुरातन काल से आज तक मंदिर में चमत्कार हो रहे हैं, हर युग में मंदिर के साथ नई मान्यताएं जुड़ती गई, लेकिन इन सबके बीच एक चीज नहीं बदली और वो है भक्तों की आगाध आस्था।