रायपुुर। होली हिंदुओं का प्रमुख धार्मिक त्योहार है। होली को रंगों के त्योहार के नाम से भी जाना जाता है। दीपावली के बाद होली को हिंदुओं का मुख्य त्योहार माना जाता है। होली का त्योहार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। इस साल होली का त्योहार 18 मार्च 2022 को मनाया जाएगा। ज्यादातर जगहों पर होली दो दिन मनाई जाती है। होली के पहले दिन को होलिका दहन और छोटी होली के नाम से जाना जाता है और इस दिन लोग होलिका की पूजा-अर्चना कर उसे आग में भस्म कर देते हैं।
पढ़ें- सोने की खान के पास भीषण धमाका, 59 लोगों की मौत.. 100 से ज्यादा घायल
जबकि दूसरे दिन को रंग वाली होली के नाम से जाना जाता है। सूखे गुलाल और पानी के रंगों का उत्सव दूसरे दिन ही मनाया जाता है। होली से 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है। ऐसे में 10 मार्च से होलाष्टक लगेगा। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश आदि नहीं किया जाता होता है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू होता है। होली के पहले दिन, सूर्यास्त के पश्चात, होलिका की पूजा कर उसे जलाया जाता है। होलिका पूजा का मुहूर्त काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
पढ़ें- 24 फरवरी को फिर कई जिलों में हो सकती है बारिश, फरवरी की रातें अभी सर्द रहेंगी
होलिका दहन पूजा विधि
पढ़ें- सोने की खान के पास भीषण धमाका, 59 लोगों की मौत.. 100 से ज्यादा घायल
होलिका दहन शुभ मुहूर्त
होली शुक्रवार, मार्च 18, 2022 को
होलिका दहन बृहस्पतिवार, मार्च 17, 2022 को
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 17, 2022 को 01:29 पी एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 18, 2022 को 12:47 पी एम बजे
होलिका दहन पूजा सामग्री
एक कटोरी पानी
गाय के गोबर से बनी माला
रोली
अक्षत
अगरबत्ती और धूप
फूल
कच्चा सूती धागा
हल्दी के टुकड़े
मूंग की अखंड दाल
बताशा
गुलाल पाउडर
नारियल
नया अनाज जैसे गेहूं
पढ़ें- हवाईअड्डे पर ड्रोन से हमला, मची अफरा-तफरी, अलग-अलग देशों के 16 लोग घायल