मंदिरों में नहीं सुनाई देंगे घंटे, मस्जिदों न होगा वजू, गुरुद्वारों में लंगर भी नहीं, चर्च में बदलेगी प्रार्थना की व्यवस्था | Hours will not be heard in temples, mosques will not be there, there is no anchor in gurudwaras, prayer arrangements will change in the church

मंदिरों में नहीं सुनाई देंगे घंटे, मस्जिदों न होगा वजू, गुरुद्वारों में लंगर भी नहीं, चर्च में बदलेगी प्रार्थना की व्यवस्था

मंदिरों में नहीं सुनाई देंगे घंटे, मस्जिदों न होगा वजू, गुरुद्वारों में लंगर भी नहीं, चर्च में बदलेगी प्रार्थना की व्यवस्था

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : June 3, 2020/9:22 am IST

भोपाल। देश में 8 जून से सभी धार्मिक स्थल खोले जाएंगे, लेकिन कुछ ऐसी व्यवस्थाएं और परंपराएं बदल जाएगी जो सैकड़ों वर्षों से चली आ रही हैं। इस अवधि में मंदिर-मस्जिद-चर्च औऱ गुरुद्वारा में सीमित संख्या में लोगों को एक एक करके प्रवेश दिया जाएगा। अंदर जाने से पहले सेनेटाइज करना होगा, मंदिर में सिर्फ 30 सेकेंड दर्शन कर सकेंगे और गुरुद्वारा में अब लंगर नहीं होगा। मस्जिद में वजू की व्यवस्था बंद कर दी गयी है। चर्च में एक बेंच पर एक बार में सिर्फ एक व्यक्ति ही बैठ सकेगा।

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8 जून से प्रदेश के सभी धार्मिक स्थल, मंदिर-मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा खुल रहे हैं, लेकिन दर्शन और पूजा की व्यवस्था अब नयी होगी, श्रद्धालु सिर्फ 30 सेकेंड दर्शन कर पाएंगे, लेकिन मंदिरों में घंटा नहीं बजा सकेंगे, मंदिर परिसर में सिर्फ 5 मिनट रुक पाएंगे। अब तय संख्या के हिसाब से ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। पहले से मौजूद भक्तों के दर्शन करने और मंदिर से बाहर जाने के बाद ही गेट पर खड़े श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा।

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गुरुद्वारे में प्रवेश करते ही ऑटोमेटिक सैनिटाइजेशन मशीन से अपने हाथों को सैनिटाइज करना होगा, इसके बाद ही लोग गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेक सकेंगे, यहां पर भी एक से डेढ़ मीटर की दूरी का ध्यान रखा जाएगा। गुरुद्वारे में अब लंगर नहीं होगा, सिर्फ भोग बांटा जाएगा। अब तक जो प्रसाद लंगर में दिया जाता था, वही प्रसाद अब पैकेट के जरिए श्रद्धालुओं को दिया जाएगा। गुरुद्वारे को सुबह और शाम के वक्त सैनिटाइज किया जाएगा।

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चर्च में प्रार्थना में शामिल होने वाले मेंबर अब तक एक साथ कुर्सियों पर बैठते थे, अब कुर्सियों के बीच 2 मीटर की दूरी रखी जाएगी। पहली प्रार्थना 14 जून को होगी, लोग ज़्यादा होने पर दो बार प्रेयर की जाएगी, पहले एक बेंच पर 3 मेंबर बैठते थे, अब एक बेंच पर केवल एक ही मेंबर बैठ सकेगा, कैरोल गाने वाली टीम के बीच भी डेढ़ मीटर की सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा।

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मस्जिदों में नमाज़ अदा करते समय अब सोशल डिस्टेंस के साथ नमाज अदा की जाएगी। मस्जिदों में वजु नहीं किया जाएगा, सभी को अपने घर से वजू करके मस्ज़िद पहुंचना होगा। बारी बारी से लोगों को नमाज़ के लिए मस्ज़िद में प्रवेश दिया जाएगा। प्रवेश से पहले खुद को सैनिटाइज करना होगा।