Mahalaya 2023: महालया अमावस्या आज, जानें आज के दिन क्या रहता है खास, ये है चंडी पाठ का महत्व
Mahalaya 2023 आज मनाया जा रहा महालया, जानिए चंडी पाठ महत्व, बंगाल में दिखती है रौनक, ये है महालया और चंडी पाठ का महत्व
Mahalaya 2023
Mahalaya 2023: आज पितृपक्ष का आखिरी दिन है। आज के दिन भूतड़ी अमावस्या भी मनाई जाती है। जिसके बाद महालया का प्रारंभ अमावस्या के दिन होता है। इस दिन पुण्यनदी नदी तट पर लोग तर्पण करने के लिए जाते हैं और अपने पूर्वजों की आत्माओं की शांति की कामना करते हैं। भारतीय पौराणिक परंपरा के अनुसार, महालया महिषासुरमर्दिनी दुर्गा के प्रति भक्ति के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व का महत्व बंगाल में विशेष रूप से देखने को मिलता है, जहां पूजा का आयोजन सबसे अधिक उत्साह के साथ किया जाता है। महालया दुर्गा पूजा के पूर्वदिन होता है। इस अवसर पर माता दुर्गा की पूजा कर उन्हें धरती पर बुलाने के लिए प्रार्थना किया जाता है।
बंगाल में दिखती है रौनक
Mahalaya 2023: बंगाल के लोग महालया के दिन पहली किरणों के साथ उठ जाते हैं और अपने घरों में माता दुर्गा के आगमन की तैयारियां करते हैं। यह प्रार्थना और ध्यान का समय होता है, जिसमें वे मां दुर्गा से शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त कर उन्हें बुलाते हैं। बता दें कि महालया के दिन से ही दुर्गा पूजा की तैयारियों का आरंभ होता है, जिसमें पंडाल बनाने और मां दुर्गा की मूर्ति को सजाने की प्रक्रिया शामिल होती है। दुर्गा पूजा के दौरान भक्त नौ दिनों तक दुर्गा मां की पूजा करते हैं। यह पर्व आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में मनाया जाता है।
चंडी पाठ
Mahalaya 2023: चंडी पाठ महालया का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसका प्रमुख उद्देश्य अन्याय से रक्षा करना, बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत के लिए मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना होता है। इसका पाठ को अकेले या सामूहिक रूप से भी किया जा सकता है। इस दौरान मंदिरों में विशेष पूजा भी किया जाता है।
महालया का महत्व
Mahalaya 2023: महालया के दिन लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करते हैं। इस दिन से ही दुर्गा पूजा की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। मां दुर्गा की मूर्ति को सजाने का कार्य शुरू होता है। इसके बाद, नौ दिनों तक दुर्गा पूजा का आयोजन होता है। ऐसी मान्यता है कि देवी दुर्गा महिषासुर को मारने के लिए धरती पर आई थी। तब से ही इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाया जाने लगा। इस दौरान लोग पटाखा फोड़कर माँ को बुलाते है। लोग खासकर बंगाल में इस पूजा पर स्कूल, कॉलेज 10 दिनों के लिए बंद (अवकाश) कर दिए जाते है। बाजारों में खूब भीड़ देखने को मिलती है। लोग इस त्योहार पर खरीदारी करते है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। IBC24 किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)
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